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पाकिस्तान की खुली पोल, FATF की बैठक के बाद रिहा हो सकता है आतंकी हाफिज सईद

मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सुनवाई के बाद रिहा हो सकता है। गिरफ्तारी के लिए दिए आदेश में जानबूझकर खामियां छोड़ी गईं हैं।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 07:55 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 10:06 AM (IST)
पाकिस्तान की खुली पोल, FATF की बैठक के बाद रिहा हो सकता है आतंकी हाफिज सईद
पाकिस्तान की खुली पोल, FATF की बैठक के बाद रिहा हो सकता है आतंकी हाफिज सईद

लाहौर, एएनआइ। मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सुनवाई के बाद रिहा हो सकता है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार जानकार सूत्रों ने बताया है कि हाफिज को गिरफ्तारी के लिए दिए आदेश में जानबूझकर ऐसी खामियां छोड़ी गईं, जिससे वह कभी भी रिहा हो सकता है। मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड के वकील ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ लाहौर हाईकोर्ट का रूख करेंगे।

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पाकिस्तान अखबार डॉन के अनुसार सईद के वकील का तर्क है कि सईद को एफएटीएफ की मीटिंग से पहले इसके दबाव में गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा उसे गिरफ्तार करने का कोई और कारण नहीं है।  डॉन के अनुसार विदेश के अलावा लश्कर ए तैयबा और जमात उद दावा ने अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की है। जमात-उद-दावा के नेतृत्व वाले लश्कर ने अफगान तालिबान और अलकायदा के साथ-साथ पंजाबी तालिबान में विकसित होने वाले तत्वों के साथ संबंध बनाए रखे हैं।

सईद के खिलाफ की गई कार्रवाई पर सवाल

पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों पर मुकदमा चलाए जाने के बाद भी इनके नेता और कैडर नियमित रूप से काम करते हैं, जो सईद के खिलाफ की गई कार्रवाई पर सवाल खड़ा करती है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार जानकार सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान सेना इन आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण और धन मुहैया कराना जारी रखती है और अपने पड़ोसियों, भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ इनका इस्तेमाल करती है। इन संगठनों में से कई अवैध ड्रग्स के कारोबार में लगे हुए हैं और अपने कैडरों के लिए भारी राजस्व कमाते हैं।

16 फरवरी से पेरिस में एफएटीएफ की बैठक

बता दें कि 16 फरवरी से पेरिस में होने वाली एफएटीएफ की बैठक यह तय होगा कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर पाकिस्तान को आखिरकार ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए या नहीं। पाकिस्तान सरकार ने जून 2018 में कमियों को दूर करने के लिए एफएटीएफ के साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई। लेकिन अक्टूबर 2019 में इंटर गवर्नमेंटल संगठन की समीक्षा में पाकिस्तान सरकार द्वारा आतंकी वित्तपोषण को दूर करने में कमी का पता चला।


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