हाफिज सईद ने कश्मीर को फलस्तीन से जोड़ा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम में दूतावास स्थानांतरित करने के फैसले के खिलाफ आयोजित इस रैली में सईद ने जमकर आग उगली।
लाहौर, प्रेट्र : नजरबंदी से रिहाई के बाद लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद ने शुक्रवार को पहली बार जनसभा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम में दूतावास स्थानांतरित करने के फैसले के खिलाफ आयोजित इस रैली में सईद ने जमकर आग उगली।
अमेरिका की ओर से 65 करोड़ रुपये के इनामी हाफिज सईद ने कहा, जो मुस्लिम देश यरुशलम में अपना दूतावास ले जाए-उस पर बाकी के मुस्लिम देशों को प्रतिबंध लगा देना चाहिए। अब समय आ गया है कि मुस्लिम देश एकजुट हों और अमेरिका के खिलाफ मोर्चा खोल दें। सईद ने पाकिस्तान सरकार से मांग की कि वह संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाकर यरुशलम पर अपने कड़े रुख का इजहार करे। चूंकि पाकिस्तान इकलौता परमाणु शक्ति संपन्न मुस्लिम देश है, इसलिए वह इस्लामी जगत का नेतृत्व करे।
कश्मीर और फलस्तीन की लड़ाई साथ-साथ लड़ी जाए। शुक्रवार की नमाज के बाद प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के चौबुर्जी स्थित कार्यालय के बाहर सईद जब भाषण दे रहा था, तब उसके संगठन के कार्यकर्ता रह-रहकर ट्रंप, अमेरिका और भारत विरोधी नारे भी लगा रहे थे। करीब दस महीने की नजरबंदी के बाद हाफिज सईद 24 नवंबर को हाई कोर्ट के आदेश से रिहा हुआ है।