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1990 चुनाव हेराफेरी मामलाः पूर्व सेना प्रमुख और ISI चीफ से पूछताछ

पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ के पूर्व मुखियाओं से संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने साल 1990 के चुनावों में कथित तौर पर हेराफरी करने और पैसे बांटने के मामले में पूछताछ की।

By Vikas JangraEdited By: Published: Thu, 17 May 2018 01:01 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 01:01 PM (IST)
1990 चुनाव हेराफेरी मामलाः पूर्व सेना प्रमुख और ISI चीफ से पूछताछ
1990 चुनाव हेराफेरी मामलाः पूर्व सेना प्रमुख और ISI चीफ से पूछताछ

इस्लामाबाद (पीटीआइ)। पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ के पूर्व मुखियाओं से गुरुवार को संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने साल 1990 के चुनावों में कथित तौर पर हेराफरी करने और पैसे बांटने के आरोपों को लेकर पूछताछ की। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पूर्व सेना प्रमुख असलम बेग और आइएसआइ के पूर्व चीफ लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित हुए। हालांकि सूत्रों ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि दोनों पूर्व प्रमुख अधिकारियों से किस तरह के सवाल पूछे गए और उन्होंने क्या जवाब दिए।

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पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने असगर खान की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए संघीय जांच एजेंसी को साल 2012 का फैसला लागू करवाने का आदेश दिया है।

ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि साल 1996 में सेवानिवृत्त होने के बाद एयर मार्शल असगर खान ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में एक मानवाधिकार याचिका दायर की थी। इस याचिका में ISI पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की प्रमुख बेनजीर भुट्टो को साल 1990 के चुनावों में हराने के लिए नवाज शरीफ समेत कई पाकिस्तानी नेताओं को पैसे देने का आरोप लगाया गया। आरोप लगा कि असलम बेग और दुर्रानी ने इस दौरान चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए नेताओं को घूस दी। इसके बाद जस्टिस इफ्तिखार चौधरी ने तब साल 2012 में केस में फैसला सुनाया कि 1990 के चुनावों को प्रभावित करने के लिए करीब 140 मिलियन राजनेताओं के एक चुनिंदा समूह को बांटे गए।

हाल ही में यह मामला फिर से तब उजागर हुआ जब सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने पैसे पाने वाले राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय के साल 2012 में सुनाए गए फैसले पर कार्रवाई होती न देख नाराजगी जाहिर की।


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