पाकिस्तान: पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल शरीफ को सऊदी जाने से पहले कैबिनेट की नहीं मिली NOC
मुख्य न्यायाधीश साकिब नसीर की तीन सदस्यीय खंडपीठ को बताया गया कि पूर्व सैन्य प्रमुख शरीफ को अनापत्ति प्रमाणपत्र रक्षा मंत्रालय की तरफ से दिया गया था ना कि कैबिनेट की तरफ से।
इस्लामाबाद [ प्रेट्र ] । पाकिस्तान के पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल राहिल शरीफ को सऊदी अरब जाने से पहले कैबिनेट से अनापत्ति प्रमाण नहीं मिला था। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश साकिब नसीर की तीन सदस्यीय खंडपीठ को बताया गया कि पूर्व सैन्य प्रमुख शरीफ को अनापत्ति प्रमाणपत्र रक्षा मंत्रालय की तरफ से दिया गया था ना कि कैबिनेट की तरफ से। यह जानकारी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अटार्नी जनरल खालिद जावेद खान ने दी। बता दें कि वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त होने के बाद शरीफ मुस्लिम देशों के सैन्य गठबंधन का नेतृत्व करने रियाद चले गए थे। दरअसल, जजों और नौकरशाहों के दोहरी नागरिकता के एक मामले का स्वत: संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने लिया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह सरकार से पूछा था कि उसने सेवानिवृत्त जनरल शरीफ और आइएसआइ के प्रमुख शुजा पाशा को देश के बाहर नौकरी की आखिर कैसे अनुमति दे दी, जबकि सेवानिवृत्ति के दो साल बाद तक वह विदेश जाकर नौकरी नहीं कर सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि जनरल शरीफ के विदेश में नियुक्ति संबंधी मामले को कैबिनेट के समक्ष लाना चाहिए था। हम इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। वहीं पाशा के मामले में रक्षा सचिव ने कोर्ट को बताया कि पूर्व आइएसआइ प्रमुख ने अपने जवाब में कहा है कि वह अभी कहीं काम नहीं कर रहे हैं।
बता दें कि कई मीडिया रिपोर्टो इस बात की चर्चा है कि वर्ष 2012 में सेवानिवृत्त होने के बाद संयुक्त अरब अमीरात की किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम कर रहे थे, जबकि इस समय वह लाहौर में एक राजनीतिज्ञ द्वारा चलाई जा रही एक कंपनी के सुरक्षा सलाहकार हैं।