पाकिस्तान के सिंध में कोरोना वायरस का पहला संदिग्ध केस, डॉक्टरों ने मरीज को लॉक किया, इलाज से इनकार
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कोरोना का पहला संदिग्ध मरीज पाया गया है। सर्दी बुखार खांसी और नाक से खून आने के बाद डॉक्टरों ने उसे एक वॉर्ड में लॉक कर दिया...
कराची/इस्लामाबाद, पीटीआइ। चीन में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के खतरे से पाकिस्तान में दहशत और बढ़ गई है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मरीज सामने आया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने चीन से लौटे एक इंजीनियरिंग के छात्र में इस वायरस के लक्षणों को देखने के बाद उसे अलग-थलग किया है। उधर चीन में पाकिस्तानी दूतावास ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे दूतावास कार्यालय में अपना पंजीकरण कराएं, ताकि उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित हो सके।
समाचार एजेसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन से लौटा युवक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग का छात्र है और उसका नाम शाहज़ेब अली रहूजा (Shahzaib Ali Rahuja) है। उसके भाई इरशाद अली (Irshad Ali) ने बताया कि शाहज़ेब वुहान के एक विश्वविद्यालय में पढ़ता था और महामारी फैलने के बाद वह शनिवार को चीन से कतर होते हुए कराची लौटा। इरशाद ने बताया कि चीन के एयरपोर्ट पर शाहज़ेब की स्क्रीनिंग के बाद कराची हवाईअड्डे पर उसकी जांच की गई थी, लेकिन उसमें कोई तकलीफ नहीं दिखाई दी।
बकौल इरशाद घर लौटने के बाद उसे बुखार और खांसी हो गई जिसके बाद उसे दवाएं दी गईं, लेकिन नाक से खून बहने के बाद हम उसे अस्पताल ले आए। इरशाद ने इस मामले का एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें शाहज़ेब अस्पताल के बेड पर बैठा हुआ है और उसकी नाक से खून गिर रहा है। अभी भी शाहजेब का खैरपुर के पास 'पीर जो गोथ' के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वीडियो में इरशाद ने दावा किया कि शाहजेब की हालत देख डॉक्टरों ने उसे एक कमरे में लॉक करके उसका इलाज करने से इनकार कर दिया है।
यही नहीं वीडियो में इरशाद ने यह भी आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने हमें शाहज़ेब (Shahzaib) से अलग कर दिया है। वायरल वीडियो में कहा गया है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने शाहज़ेब (Shahzaib) को जांच और इलाज के लिए कराची भेजने का फैसला किया है, क्योंकि खैरपुर (Khairpur) के सिविल अस्पताल में बीमारी के इलाज के इंतजाम नहीं हैं। मालूम हो कि चीन में 30 हजार पाकिस्तानी रहते हैं, जिनमें 500 अकेले वुहान में थे। सोमवार को चीन से 235 इस्लामाबाद लौटे जिसमें 11 चीनी नागरिक हैं।