पाकिस्तान की बर्बादी का काउंटडाउन शुरू, आतंकी फंडिंग को लेकर होने जा रही है FATF की बैठक
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाले एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 बिंदुओं (FATF 27-Point Action Plan) पर काम करने को कहा था।
इस्लामाबाद, आइएएनएस। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (The Financial Action Task Force) आतंकी फंडिंग (Terror Funding) और मनी लांड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों का अंतिम मूल्यांकन करने जा रहा है। यह मूल्यांकन थाइलैंड में आठ से दस सितंबर तक होने वाली एफएटीएफ की बैठक में किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाले एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 बिंदुओं (FATF 27-Point Action Plan) पर काम करने को कहा था। अगर पाकिस्तान इन बिंदुओं पर खरा नहीं उतरा तो उसे काली सूची (Black List) में डाला जा सकता है। अभी वह एफएटीएफ की ग्रे सूची (निगरानी) में है। एफएटीएफ से संबद्ध एशिया-प्रशांत समूह (एपीजी) ने हाल में पाकिस्तान को काली सूची में डाल दिया था।
पाक मीडिया के अनुसार, एफएटीएफ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल सात सितंबर को थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंचेगा। अंतिम मूल्यांकन से ही पाकिस्तान पर एफएटीएफ के फैसले की दिशा तय होगी। इस संदर्भ में 13 से 18 अक्टूबर तक पेरिस में होने वाली बैठक में अंतिम फैसला होगा। कैनबरा में 18 से 23 अगस्त तक हुई एपीजी की बैठक में पाकिस्तान के कदमों की समीक्षा की गई थी। इसमें माना गया कि पाकिस्तान एपीजी के 40 मानकों में से 32 का पालन करने में विफल रहा। इसके आधार पर एपीजी ने उसे काली सूची में डाल दिया था।
पाकिस्तान से 100 सवाल के मांगे गए जवाब
एपीजी की बैठक में एफएटीएफ की ओर से पाकिस्तान से करीब 100 अतिरिक्त सवालों के जवाब भी मांगे गए थे। पाकिस्तान की ओर से इनके जवाब बैंकॉक बैठक में दिए जाएंगे। एफएटीएफ को पाकिस्तान यह भी बताएगा कि प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं।
एफएटीएफ द्वारा ब्लैक लिस्ट करना लगभग तय
आपको यहां पर बता दें कि एपीजी पूरी दुनिया में आतंकवाद को होने वाली फंडिंग पर निगाह रखता है और इस उस आधार अपनी रिपोर्ट एफएटीएफ को सौंपता है। इसके बाद ही एफएटीएफ संबंधित देश पर कार्रवाई करते हुए उसको काली सूची में डालता है। यहां पर ये भी बता दें कि एफएटीएफ ने फिलहाल पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल रखा है। ग्रे लिस्ट में डालने का अर्थ इस तरह से भी समझा जा सकता है कि एफएटीएफ ने माना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को फंडिंग कर रहा है, लेकिन उसको इस पर कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए कुछ समय दिया गया था। इस दौरान चेतावनी स्वरूप उसको ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया है। लेकिन अब जबकि एपीजी ने पाकिस्तान को काली सूची में डाल दिया है तो उसका एफएटीएफ द्वारा इस पर ही मुहर लगाना तय माना जा रहा है
ये भी पढ़ें- पाक की फिर गीदड़भभकी कहा, कश्मीर के लिए आखिर गोली, आखिर सिपाही, आखिर सांस तक लड़ेंगे