ब्लैक लिस्ट होगा पाकिस्तान या नहीं, इस माह FATF करेगी अहम फैसला
FATF Virtual Meeting जून 2018 में ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान को डालने वाले FATF की वर्चुअल मीटिंग 21-23 अक्टूबर को होगी। इसमें फैसला लिया जाएगा कि अब देश को इसी सूची में रहना है या बाहर निकलना है।
इस्लामाबाद, आइएएनएस। इस माह के अंत में पाकिस्तान द्वारा टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी और तब फैसला होगा कि देश ब्लैक लिस्ट किया जाएगा या फिर इससे उबर पाएगा । दरअसल, कोविड-19 के कारण टली फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की वर्चुअल मीटिंग 21-23 अक्टूबर को होने जा रही है। इस बैठक में पाकिस्तान के बारे में अहम फैसला किया जाएगा कि इसेब्लैक लिस्ट किया जाएगा या नहीं। इसमें पाकिस्तान द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग व टेरर फंडिंग के खिलाफ उठाए गए इस्लामाबाद के कदमों की समीक्षा की जाएगी।
हालांकि पाकिस्तान इससे बचने के लिए तमाम कोशिशों में जुटा हुआ है। इससे पहले अक्टूबर 2018 और फरवरी 2019 में हुई समीक्षा में भी पाकिस्तान को राहत नहीं दी गई थी। उस वक्त पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी कि अगर यह कार्रवाई करने में विफल रहा तो ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। इससे पहले ईरान और उत्तर कोरिया को ब्लैक लिस्ट में रखा गया है। इस लिस्ट में शामिल होने का मतलब यह होगा कि वह अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों जैसे आईएमएफ और विश्व बैंक से कोई ऋण प्राप्त नहीं कर सकेगा। इससे अन्य देशों के साथ वित्तीय डील करने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। पाक FATF की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा है।
फरवरी में FATF की बैठक में, पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण मानदंडों का पालन करने के लिए अतिरिक्त चार महीने का समय लिया था जिसमें पाकिस्तान को अपने 27 सूत्रीय एक्शन प्लान पर काम करना था जिसमें से इसने 14 प्वाइंट पर काम किया था लेकिन 13 पर नहीं।
पाकिस्तान को जून 2018 में इस लिस्ट में डाला गया था। इसी लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया पहले से शामिल हैं। इस दौरान पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को विदेशों से और घरेलू स्तर पर आर्थिक मदद मिली है। FATF की यह बैठक पहले होनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यह आगे बढ़ा दिया गया था।