FATF ने कहा, आतंकी गुटों को मिल रही आर्थिक मदद, भारत ने पाक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF ने कहा है कि उसकी सख्ती के बावजूद कई आतंकी गुटों को उनके समर्थकों की तरफ से आर्थिक मदद मिल रही है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने सोमवार को कहा कि उसकी सख्ती के बावजूद कई आतंकी गुटों को उनके समर्थकों की तरफ से आर्थिक मदद मिल रही है। इसके अलावा आतंकी गुट अवैध गतिविधियों से भी धन जुटा रहे हैं। वहीं, भारत ने कहा है कि पाकिस्तान लश्कर ए तैयबा, जैश ए मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को लगातार मदद मुहैया करा रहा है, इसलिए इस्लामाबाद के खिलाफ एफएटीएफ कार्रवाई करे।
पेरिस में एफएटीएफ की पूर्ण बैठक हो रही है, जो हफ्ते भर चलेगी। इसमें पाकिस्तान की किस्मत का फैसला होना है कि वह ग्रे सूची में बना रहेगा या काली सूची में जाएगा। ग्रे सूची से निकलने के लिए पाकिस्तान को 39 में से 12 मतों की जरूरत होगी, जबकि काली सूची में जाने से बचने के लिए उसे तीन देशों का समर्थन चाहिए। पिछले साल हुई बैठक में उसे मलेशिया और तुर्की के साथ एफएटीएफ के तत्कालीन चेयरमैन देश चीन का समर्थन मिला था,जिससे वह काली सूची में जाने से बच गया था।
पाकिस्तान का नाम लिए बिना एफएटीएफ ने एक बयान में कहा गया है कि पैसे जुटाने के लिए आतंकवादी विभिन्न माध्यमों को इस्तेमाल कर रहे है। सोशल मीडिया के माध्यमों से नए समर्थकों को फंसा रहे हैं और उनसे धन और अन्य तरह की मदद ले रहे हैं। मानवीय मदद देने वाले लोग भी आतंकवादियों के शिकार हो रहे हैं। संगठन ने कहा है कि वह आतंकियों को मिलने वाली वित्तीय मदद पर निगरानी रख रहा है और वित्तीय मदद देने वालों की पहचान करने में शासन-प्रशासन की मदद कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि आतंकी संगठनों को सुरक्षित पनाह देने वाला पाकिस्तान FATF की कार्रवाई से बचने के लिए नए-नए झूठ बोल रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज यानी सोमवार को कहा कि पाकिस्तान अब आतंकी समूहों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। इमरान का बयान ऐसे समय में आया है जब फ्रांस की राजधानी पेरिस में एफएटीएफ की अहम बैठक चल रही है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अभी 'ग्रे' सूची में रखा है। अगर इस बैठक में FATF पाकिस्तान की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे काली सूची में डाला जा सकता है।