दिलीप कुमार और राजकपूर के पाकिस्तान स्थित पैतृक मकानों पर विवाद जारी
दिलीप-राज के पैतृक मकानों को खरीदने के लिए 2.35 करोड़ मंजूर। चार मरला (101 वर्ग मीटर) पर बने दिलीप के घर को खरीदने के लिए सरकार ने 80.56 लाख रुपये जारी किए। राज के छह मरला (151.75 वर्ग मीटर) में बने मकान को खरीदने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये निर्धारित।
पेशावर, एपी। बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार और शोमैन राजकपूर के पाकिस्तान स्थित पैतृक मकानों पर विवाद जारी है। खैबरपख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार दोनों दिग्गज अभिनेताओं के मकान को संग्रहालय बनाना चाहती है, लेकिन दोनों मकान के मालिक सरकार द्वारा निर्धारित कीमत पर संपत्ति बेचने को तैयार नहीं हैं। पाकिस्तान के पेशावर स्थित दिलीप कुमार के प्रवक्ता फैजल फारुकी ने प्रांतीय सरकार और दोनों मकान मालिकों से विवाद सुलझाने की गुजारिश की है। फैजल ने कहा कि महान अभिनेताओं के पैतृक आवासों को सहेजने से ना केवल पेशावर बल्कि पाकिस्तान के पर्यटन उद्योग को भी मजबूती मिलेगी।
रविवार को मीडिया से बात करते हुए फैजल फारुकी ने कहा कि महान अभिनेता दिलीप कुमार के मन में पेशावर स्थित उनका जन्मस्थान और उनका मोहल्ला खुदादाद उनके दिल में बसता है। वर्ष 1922 में यहीं पर उनका जन्म हुआ था और भारत जाने से पहले 1935 तक वह यहीं रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार महान अभिनेता दिलीप कुमार के सम्मान और सिनेमा में दिए गए उनके योगदान को देखते हुए उनके पुश्तैनी मकान को संग्रहालय में बदलना चाहती है। सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान में रहने वाले दिलीप कुमार के फैन भी काफी खुश हैं और संग्रहालय को लेकर काफी उत्साहित हैं।
प्रांतीय सरकार ने दिलीप कुमार और राजकपूर के पैतृक मकानों को खरीदने के लिए 2.35 करोड़ मंजूर किए हैं। चार मरला (101 वर्ग मीटर) पर बने दिलीप कुमार के घर को खरीदने के लिए सरकार ने 80.56 लाख रुपये जारी किए हैं जबकि राजकपूर के छह मरला (151.75 वर्ग मीटर) में बने मकान को खरीदने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। इन दोनों मकानों को खरीदने के बाद सरकार इन्हें संग्रहालय में तब्दील करेगी। हालांकि दोनों मकानों के मालिकों ने सरकार द्वारा तय की गई कीमत पर घर बेचने से इन्कार कर दिया है।
दिलीप कुमार के घर के 25 करोड़ मांगे
दिलीप कुमार के घर के मालिक हाजी लाल मुहम्मद ने घर की एवज में सरकार से 25 करोड़ रुपये मांगे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में 51 लाख रुपये में यह मकान खरीदा था और 16 वर्ष बाद इसकी कीमत 80.56 लाख रुपये तय करना अन्याय है। हाजी लाल ने कहा कि मोहल्ला खुदादाद कुइसा ख्वानी बाजार में संपत्ति बहुत महंगी है। यहां एक मरला जमीन की कीमत पांच करोड़ से ज्यादा है। ऐसे में चार मरला के ऊपर बने घर को 80 लाख रुपये में कैसे बेचा जा सकता है।
कपूरी हवेली के नाम से जाना जाता है राजकपूर का पैतृक घर
राजकपूर के पैतृक घर के मालिक ने भी पेशावर में स्थित उनके घर की एवज में दो सौ करोड़ रुपये मांगे हैं। राजकपूर का पैतृक घर कपूर हवेली के नाम से जाना जाता है। यह घर भी कुइसा ख्वानी बाजार में स्थित है। राजकपूर के दादा बशेश्वरनाथ कपूर ने वर्ष 1918 से 1922 के बीच इस घर को बनवाया था। राजकपूर और उनके चाचा चाचा त्रिलोक कपूर का जन्म यहीं हुआ था। इस घर को भी राष्ट्रीय विरासत घोषित किया जा चुका है।
इमारतों को गिराने की कई बार हुई कोशिश
चूंकि दोनों अभिनेताओं के पैतृक घर पॉश इलाके में स्थित हैं, इसलिए इनके मालिक इमारत को ध्वस्त कर वहां पर वाणिज्यिक रूप से फायदेमंद कोई बिजनेस कांप्लेक्स बनाना चाहते हैं। हालांकि पुरातत्व विभाग इनके ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखकर संग्रहालय में तब्दील करना चाहती है।