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सऊदी अरब और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की इस्लामाबाद में हुई कश्मीर पर चर्चा

कश्मीर मसले की ताजा स्थिति पर पाकिस्तान और सऊदी अरब ने चर्चा की है। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय विकास में सहयोग पर भी चर्चा की।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 10:08 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 02:54 AM (IST)
सऊदी अरब और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की इस्लामाबाद में हुई कश्मीर पर चर्चा
सऊदी अरब और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की इस्लामाबाद में हुई कश्मीर पर चर्चा

इस्लामाबाद, प्रेट्र। सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल-सऊद ने शनिवार को अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी ने कई मसलों पर विस्तृत वार्ता की। जिन मसलों पर वार्ता हुई उनमें कश्मीर का मसला भी शामिल है।

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पाक आइओसी से भारत के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश में जुटा

बीते कई महीनों से पाकिस्तान दबाव बनाकर जम्मू-कश्मीर मसले पर अपने एजेंडे के लिए इस्लामिक देशों से समर्थन पाने का प्रयास कर रहा है। वह इस सिलसिले सऊदी अरब की अगुआई वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (आइओसी) से भारत के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश कर रहा है।

कुरैशी ने कश्मीर मसले पर सऊदी अरब के समर्थन पर आभार जताया

पाकिस्तानी विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों मंत्रियों ने सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध बढ़ाने पर सहमति जताई। इनमें रणनीतिक साझेदारी बढ़ाए जाने का मसला प्रमुख है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने कश्मीर मसले पर सऊदी अरब के समर्थन पर आभार जताया।

कश्मीर मसले की ताजा स्थिति पर पाकिस्तान और सऊदी अरब की ने चर्चा

उन्होंने कहा, कश्मीर मसले की ताजा स्थिति पर दोनों देशों ने चर्चा की है। यह चर्चा ओआइसी से जोड़कर की गई है। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय विकास में सहयोग पर भी चर्चा की। इससे पहले मीडिया में चर्चा आई थी कि पाकिस्तान कश्मीर मसले पर ओआइसी के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाए जाने के लिए सऊदी अरब पर दबाव डाल रहा है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल रही है। सऊदी विदेश मंत्री के ताजा पाकिस्तान दौरे में दोनों देशों के बीच विचार के लिए यह प्रमुख मुद्दा है।

इमरान का मलेशिया दौरा भी सऊदी अरब पर दबाव बनाने का प्रयास था

कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार हाल में प्रधानमंत्री इमरान खान का मलेशिया दौरा भी सऊदी अरब पर दबाव बनाने का एक प्रयास था। मलेशिया, तुर्की और ईरान ओआइसी से अलग हटकर मुस्लिम जगत का एक मंच बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसमें वे पाकिस्तान की भी सक्रिय भागीदारी चाहते हैं। पाकिस्तान उनसे जुड़ा भी लेकिन बाद में सऊदी अरब के दबाव में पीछे हट गया था और इसी के चलते दिसंबर में कुआलालंपुर में हुए वैकल्पिक मंच के पहले सम्मेलन में भाग लेने का कार्यक्रम इमरान ने रद कर दिया था।


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