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अमेरिका भारत सऊदी गठजोड़ से बाहर हुआ पाकिस्‍तान, अब चीन ही रह गया एकमात्र सहारा

अमेरिका और पाकिस्‍तान के संबंधों में भारी गिरावट आई है। इससे पाकिस्तान के लिए अब चीन ही एकमात्र सहारा बचा है जो उसे आर्थिक और अन्य क्षेत्रों में मदद दे सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 07:53 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 04:26 AM (IST)
अमेरिका भारत सऊदी गठजोड़ से बाहर हुआ पाकिस्‍तान, अब चीन ही रह गया एकमात्र सहारा
अमेरिका भारत सऊदी गठजोड़ से बाहर हुआ पाकिस्‍तान, अब चीन ही रह गया एकमात्र सहारा

इस्लामाबाद, एएनआइ। अमेरिका के साथ संबंधों में आई गिरावट के बाद पाकिस्तान के लिए अब चीन ही एकमात्र सहारा बचा है, जो उसे आर्थिक के साथ अन्य क्षेत्रों में मदद दे सकता है। खासतौर से कोविड-19 महामारी के बाद बने हालात में यह निश्चित सा हो गया है। यह बात पाकिस्तान की रक्षा मामलों की विश्लेषक और दक्षिण एशिया मामलों की जानकार आयशा सिद्दीका ने द न्यूज इंटरनेशनल से एक इंटरव्यू में कही है।

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सिद्दीका ने कहा, दुनिया के तेजी से बदलते समीकरण में जहां अमेरिका, भारत और सऊदी अरब एक पाले में आ गए हैं, वहीं पाकिस्तान अमेरिका से दूर जाकर चीन, रूस और ईरान के पाले में आ गया है। हाल के महीनों में अमेरिका से पाकिस्तान के संबंधों में भारी बदलाव आया है। अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण भूमिका रही लेकिन अब यह कोई नहीं कह सकता कि पाकिस्तान को अमेरिका से आर्थिक सहायता मिलेगी।

रक्षा विश्लेषक ने कहा, पाकिस्तान की विदेश नीति पर जब बहस होती है तो हम तालिबान के समर्थन और ओसामा बिन लादेन को शरण देने के मसले पर चुप हो जाते हैं। यही कारण है कि अमेरिका से पाकिस्तान के रिश्तों में गिरावट आती चली गई। हम अपनी क्षमता को प्रदर्शित नहीं कर पाए। अमेरिका के साथ संबंधों में आई गिरावट का एक अन्य कारण यह भी है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर पनप रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाया।

इन संगठनों के तार दुनिया भर में फैले आतंकी गुटों से जुड़े पाए गए। नतीजा यह रहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि बिगड़ती चली गई। आयशा ने कहा, चीन और ईरान के बढ़ते संबंधों का फायदा पाकिस्तान को भी होगा, इसको लेकर शक है। पड़ोसी होने के बावजूद पाकिस्तान और ईरान कुछ मसलों को लेकर एक-दूसरे से दूर हैं। उन्होंने आशा जताई कि पाकिस्तान अगर अपने पड़ोसी देश-भारत, ईरान और अफगानिस्तान से संबंध सुधारे तो कुछ वर्षो में उसकी स्थिति में परिवर्तन हो सकता है।


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