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पाकिस्तान में भूकंप से मरने वालों की संख्या 38 पहुंची, मलबे में अभी भी कई लोग फंसे हैं

मंगलवार को गुलाम कश्मीर में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका केंद्र मीरपुर शहर के समीप सतह से मात्र 10 किलोमीटर नीचे था।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 08:26 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 02:00 AM (IST)
पाकिस्तान में भूकंप से मरने वालों की संख्या 38 पहुंची, मलबे में अभी भी कई लोग फंसे हैं
पाकिस्तान में भूकंप से मरने वालों की संख्या 38 पहुंची, मलबे में अभी भी कई लोग फंसे हैं

इस्लामाबाद, प्रेट्र। गुलाम कश्मीर में मंगलवार को आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। घायलों की संख्या 452 बताई गई है। अधिकारियों ने बचाव अभियान तेज कर दिया है। ध्वस्त हो गए भवनों के मलबे में कई लोग फंसे हुए हैं।

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मंगलवार को गुलाम कश्मीर में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका केंद्र मीरपुर शहर के समीप सतह से मात्र 10 किलोमीटर नीचे था। मीरपुर पाकिस्तानी पंजाब प्रांत में झेलम से करीब 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। इस भूकंप ने क्षेत्र में 14 साल पहले आए विनाशकारी भूकंप की याद ताजा कर दी है।

इस भूकंप के झटके पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के कई शहरों में भी महसूस किए गए। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा है कि सबसे ज्यादा प्रभावित मीरपुर रहा जहां 24 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा जाटलान में नौ, झेलम में एक और अन्य की मौत मीरपुर और जरी कास में हुई है।

मरने वालों की संख्या में वृद्धि होने की आशंका है क्योंकि विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करीब 100 घायलों की हालत नाजुक है। मीरपुर सिटी, छोटा सा कस्बा जाटलान और दो गांव मंडा और अफजलपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यहां भवन और घर ध्वस्त हो गए हैं, पेड़ उखड़ गए हैं।

सड़कों पर दरारें इतनी चौड़ी हैं कि उसमें कार समा जाए। लोगों ने बताया कि भूकंप से भयभीत लोग भवनों से बाहर की ओर दौड़ गए। पीडि़त लोग भोजन और पानी की समस्या से भी जूझ रहे हैं। सांग और सानवाल शरीफ इलाके में लोगों ने राहत सामग्री लूट ली।

गलत बयान देकर विवादों में फंसी इमरान की सहायक

प्रधानमंत्री इमरान खान की सहायक भूकंप पर गलत बयान देकर विवादों में घिर गई हैं। सूचना पर प्रधानमंत्री की विशेष सहायक डॉ. फिरदौस आशिक अवान ने तबाही मचने के बाद कहा कि खान सरकार द्वारा लाए गए बदलाव का असर धरती के नीचे भी महसूस किया जा रहा है।

मंगलवार को एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि जब कोई बदलाव आता है तो अशांति आएगी ही। यह उथल-पुथल उस बदलाव का संकेत है जिसमें धरती ने भी करवट ले ली है। उनकी इस टिप्पणी का लोगों ने मजाक उड़ाया, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कहा गया कि इससे उनके संवेदना शून्य होने का पता चलता है।


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