पाकिस्तान की सफाई - सीपीईसी के पीछे कोई सैन्य उद्देश्य नहीं, जानें और क्या कहा
60 अरब डॉलर की लागत वाली सीपीईसी परियोजना के तहत पश्चिमी चीन के काश्गर को पाकिस्तान में अरब सागर के तट पर स्थित ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जाना है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के सैन्य इस्तेमाल को लेकर आई खबरों पर सफाई दी है। उसने कहा कि सीपीईसी द्विपक्षीय आर्थिक परियोजना है। इसके पीछे कोई सैन्य मकसद नहीं है।
अमेरिकी मीडिया में हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि सीपीईसी परियोजना के तहत चीन की पाकिस्तान में लड़ाकू विमान और सैन्य साजो-समान बनाने की एक गोपनीय योजना है। इस खबर के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कहा, 'सीपीईसी पाकिस्तान और चीन के बीच एक आर्थिक प्रोजेक्ट है। इसका कोई दूसरा पहलू नहीं है। इससे पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी। इससे खासतौर पर ऊर्जा और ढांचागत क्षेत्रों में सुधार होगा। यह परियोजना किसी देश के खिलाफ नहीं है।'
क्या है सीपीईसी परियोजना
60 अरब डॉलर की लागत वाली सीपीईसी परियोजना के तहत पश्चिमी चीन के काश्गर को पाकिस्तान में अरब सागर के तट पर स्थित ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जाना है। भारत ने इस परियोजना पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह गलियारा गुलाम कश्मीर से होकर गुजरेगा।
चीन के साथ लड़ाकू विमान बना रहा पाक
पाकिस्तान अपने सदाबहार मित्र देश चीन के साथ संयुक्त रूप से बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान जे-17 का निर्माण कर रहा है। वह चीन से स्टेल्थ लड़ाकू विमान समेत कई उन्नत विमान पाने की फिराक में भी है।