COVID-19: पीओके में डॉक्टरों का आरोप, पीपीई किट के बिना करना पड़ रहा इलाज
पीओके में डॉक्टर और पैरामेडिक कर्मचारियों ने सरकार पर जानबूझकर मौत के मुंह में झोंकने का आरोप लगाया है।
मुजफ्फराबाद (पीओके), एएनआइ। कोरोना वायरस से लड़ने में पाकिस्तान की इमरान सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। पीओके में डॉक्टर और पैरामेडिक कर्मचारियों ने इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनका कहना है कि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट की कमी के कारण कोरोना से संक्रमित मरीजों का इलाज करते समय उन्हें खुद संक्रमण का ज्यादा खतरा है।
मुजफ्फराबाद के अम्बर अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार हमें जानबूझकर मौत के मुंह में झोंकना चाहती है, क्योंकि हमें बिना सेफ्टी किट के ही मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है। गुलाम कश्मीर में कोरोना वायरस के 40 मामले दर्ज किए गए हैं।
प्रदर्शन कर रहे अस्पताल के एक कर्मचारी ने कहा कि अम्बर अस्पताल में डॉक्टर, पैरामेडिक कर्मचारियों, सफाइकर्मियों और गार्ड को मिलाकर कुल 40 कर्मचारी हैं। सरकार 40 लोगों को भी सेफ्टी किट नहीं दे पा रही है। क्या हमारी व्यवस्था इतनी ज्यादा खराब हो गई है।
प्रदर्शनकारी ने कहा कि पीओके में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी मजबूत नहीं है कि वह कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ सके। हमने उनको वोट दिया और उन्होंने हमें मरने के लिए छोड़ दिया। जब वो हमें ग्लव्स और मास्क नहीं दे पा रहे हैं तो हमें पीपीई किट कैसे देंगे। न्होंने कहा कि जबतक की हमें सेफ्टी किट नहीं मिल जाता, हम प्रदर्शन करते रहेंगे।
पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़कर 5,374 तक पहुंच गए हैं, जबकि अबतक 93 लोगों की मौत हो चुकी है। पंजाब और सिंध में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। पंजाब प्रांत में कोरोना वायरस के 2,594 मामले दर्ज किए गए हैं, जो देश में कुल मरीजों की संख्या का आधा है। वहीं, सिंध में वायरस के 1,411 मामले, खैबर-पख्तूनख्वा में 744 मामले, बलूचिस्तान में 230 मामले, गिलगित-बाल्टिस्तान में 224 मामले, इस्लामाबाद में 131 मामले दर्ज किए गए हैं।
यह भी पढ़ें- कोरोना: पाकिस्तान में 24 घंटे के दौरान 334 नए मामले, 93 पहुंची मरने वालों की संख्या