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पाकिस्तान ने दिया झांसा, गुलाम कश्मीर के अस्पतालों में भेजीं इस्तेमाल हुई पीपीई किट

रावलपिंडी स्थित एक सैन्य अस्पताल से गुलाम कश्मीर के अस्पतालों को तीन लाख पीपीई किट भेजी गई थीं। बाद में पता चला कि उनका पहले इस्‍तेमाल कर लिया गया था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 07:53 PM (IST)
पाकिस्तान ने दिया झांसा, गुलाम कश्मीर के अस्पतालों में भेजीं इस्तेमाल हुई पीपीई किट
पाकिस्तान ने दिया झांसा, गुलाम कश्मीर के अस्पतालों में भेजीं इस्तेमाल हुई पीपीई किट

मुजफ्फराबाद, एएनआइ। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर और कश्मीरियत का बेसुरा राग अलापने वाला पाकिस्तान अपनी करतूतों से अक्सर यह भी जता देता है कि गुलाम कश्मीर हकीकत में उसके लिए राजनीतिक एजेंडे से ज्यादा कुछ भी नहीं है। मदद के नाम पर वह अक्सर गुलाम कश्मीर और वहां के बाशिंदों को झांसा ही देता आया है। जब भी उन्हें मदद की ज्यादा जरूरत हुई है, पाकिस्तान ने अपना असली बदसूरत चेहरा दिखा दिया है। 

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पीओके को पीपीई किट का 'डंपिंग ग्राउंड' बना दिया 

हालिया वाकया गुलाम कश्मीर के अस्पतालों में इस्तेमाल की गई पीपीई किट और पान के धब्बे लगे मास्कों की आपूर्ति से जुड़ा है। गुस्साए गुलाम कश्मीर के मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य के अस्पतालों को पीपीई किट का 'डंपिंग ग्राउंड' बना दिया गया है। रावलपिंडी स्थित एक सैन्य अस्पताल से गुलाम कश्मीर के अस्पतालों को तीन लाख पीपीई किट भेजी गई थीं। इसी खेप में मास्क भी भेजे गए थे। मुजफ्फराबाद स्थित शेख खलीफा बिन जैद कंबाइंड मिलिट्री हॉस्पिटल में जब इन पीपीई किट को खोला गया तो डॉक्टर हैरान रह गए। इन पीपीई किट का पहले ही इस्तेमाल किया जा चुका था। 

पीपीई किट पर पान के धब्‍बे पाए गए 

अन्य अस्पतालों की पीपीई किट की स्थिति भी ऐसी ही थी। इस वाकये को गुलाम कश्मीर के मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिये सोशल मीडिया पर साझा किया गया। ट्वीट के अनुसार, 'रावलपिंडी के एक सैन्य अस्पताल से गुलाम कश्मीर के अस्पतालों के लिए तीन लाख पीपीई किट भेजी गई थी। लेकिन, इनका इस्तेमाल पहले ही किया जा चुका था। कुछ मास्क पर लाल रंग के धब्बे लगे हुए थे। प्रयोगशाला में इसकी जांच की गई तो पता चला कि वे पान के धब्बे हैं।' 

चीन में निर्मित फर्जी टेस्टिंग मशीन दी गई

ट्वीट में आगे कहा गया है, 'अस्पताल के प्रावधानों के अनुसार सभी पीपीई किट को नष्ट कर दिया गया, ताकि संक्रमण न फैले। यह बहुत ही शर्मनाक है कि पहले चीन में निर्मित फर्जी टेस्टिंग मशीन दी गई और अब गुलाम कश्मीर को इस्तेमाल की गई पीपीई किट का डंपिंग ग्राउंड बना दिया गया है।' उल्लेखनीय है कि गुलाम कश्मीर में मेडिकल सुविधाओं का घोर अभाव है। इसके कारण वहां कोरोना संक्रमण की जांच का काम बेहद धीमा चल रहा है। वहां अब तक सिर्फ 133 कोरोना संक्रमित पंजीकृत किए जा सके हैं, जबकि गिलगिट बाल्टिस्तान में कोरोना संक्रमितों की संख्या 556 है। 

Pok के डॉक्‍टरों को करना पड़ रहा बिना पीपीर्इ किट के इलाज 

आलम यह है कि गुलाम कश्मीर के डॉक्टरों को बिना पीपीई किट के कोरोना संक्रमितों का इलाज करना पड़ रहा है। पीपीई किट की मांग को लेकर वे प्रदर्शन भी कर चुके हैं। इस बीच कई डॉक्टर और अन्य चिकित्साकर्मियों ने बिना पीपीई किट के अस्पताल जाने से भी मना कर दिया है। इस आपदा की घड़ी में भी पाकिस्तान गुलाम कश्मीर और गिलगिट बाल्टिस्तान के लोगों के साथ बेहद भेदभाव वाला बर्ताव कर रहा है, जिससे वहां के लोगों में खासा आक्रोश है।


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