पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ को हो सकती है फांसी, देशद्रोह मामले में फैसला सुरक्षित
पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने पूर्व सैनिक तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) के खिलाफ चल रहे राजद्रोह के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व सैनिक तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) के खिलाफ चल रहे राजद्रोह के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत आगामी 28 नवंबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। पाकिस्तान की पीएमएल-एन सरकार (Pakistan Muslim League-Nawaz, PML-N) ने 76 वर्षीय पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ साल 2013 में यह मामला दर्ज किया था। मुशर्रफ पर नवंबर 2007 में अतिरिक्त संवैधानिक आपातकाल लागू करने के आरोप हैं।
जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने इस मामले में सुनवाई की। अदालत ने फैसला सुरक्षित रखने के दौरान मुशर्रफ के वकील को 26 नवंबर तक अंतिम दलीलें पेश करने का भी निर्देश दिया। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यदि मुशर्रफ को इस मामले में दोषी करार दिया जाता है तो उन्हें फांसी की सजा हो सकती है। पाकिस्तान के इतिहास में मुशर्रफ पहले सेना प्रमुख हैं जिनपर 31 मार्च 2014 को देशद्रोह के मामले में आरोप तय किए गए थे।
हालांकि, मुशर्रफ उक्त सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बता चुके हैं। बता दें कि साल 2016 में मुशर्रफ के दुबई भाग जाने के बाद इस चर्चित हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई ठप हो गई थी। मुशर्रफ ने मेडिकल ट्रीटमेंट का हवाला देते हुए मार्च 2016 में पाकिस्तान छोड़ दिया था। हालांकि उन्होंने वापस लौटने की भी बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनका नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट से हटाए जाने के बाद वह विदेश जाने में कामयाब हो गए थे। हालांकि, इसके कुछ ही महीने बाद पाकिस्तान की विशेष अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था।
बाद में मुशर्रफ ने सुरक्षा वजहों की बात कहते हुए स्वदेश लौटने से इनकार कर दिया था। अदालत ने बाद में उनकी संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया था। उनके वकील ने अदालत को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति सुरक्षा कारणों की वजहों से पाकिस्तान आकर अदालत में पेश नहीं हो सकते हैं। वकील की ओर से यह भी बताया गया कि मुशर्रफ का स्वास्थ्य खराब रहता है इस वजह से डॉक्टरों ने उन्हें दुबई से बाहर जाने मना किया है। बता दें कि साल 1999 में जनरल मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार को जबरन सत्ता से बेदखल कर दिया था। उन्होंने पाकिस्तान पर साल 2008 तक शासन किया जब तब कि उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।