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Coronavirus: PM मोदी की तर्ज पर आज सार्क देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मेजबानी करेगा पाकिस्तान

Coronavirus पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 मार्च को पहली बार कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ चर्चा के लिए सार्क देशों के सदस्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक बुलाई थी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 08:59 AM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 09:49 AM (IST)
Coronavirus: PM मोदी की तर्ज पर आज सार्क देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मेजबानी करेगा पाकिस्तान
Coronavirus: PM मोदी की तर्ज पर आज सार्क देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मेजबानी करेगा पाकिस्तान

इस्लामाबाद, एएनआइ। Coronavirus, पीएम नरेंद्र मोदी की नकल कर आज पाकिस्तान भी सार्क देशों की बैठक की मेजबानी करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 मार्च को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ चर्चा के लिए सार्क देशों की बैठक बुलाई थी। अब इसी तर्ज पर कोरोना महामारी पर चर्चा करने के लिए आज दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक होगी।यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की जाएगी।इस बैठक की मेजबानी पाकिस्तान करेगा।

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पाकिस्तान,SAARC की बैठक में अपने देश में COVID-19 महामारी के खिलाफ एक आम रणनीति पर चर्चा करने के लिए 8 सदस्यीय दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह बैठक करेगा।

गौरतलब है कि सार्क देशों की बैठक का यह प्रस्ताव पाकिस्तान द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी की पहल के बाद आया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 मार्च को कोरोना वायरस पर चर्चा के लि्ए सार्क देशों की ऐसी ही एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुलाई थी।

पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने विदेश कार्यालय के एक बयान के हवाले से बताया कि जैसा कि पाकिस्तान ने प्रस्तावित किया है COVID-19 महामारी पर चर्चा के लिए सार्क देशों के सदस्यों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग 23 अप्रैल को  आयोजित की जाएगी।

प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष स्वास्थ्य सहायक जफर मिर्जा, पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, इस बैठक में महासचिव एसाला रुवान वेराकोन भी शामिल होंगे।राष्ट्रीय रोकथाम प्रयासों की स्थिति पर चर्चा के अलावा, इस सम्मेलन में रोग निगरानी को मजबूत करने, राष्ट्रीय क्षमताओं के निर्माण के माध्यम से संकट से निपटने के लिए गहन सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।बयान में कहा गया है कि उच्च जनसंख्या घनत्व और नाजुक स्वास्थ्य प्रणाली दक्षिण एशिया को प्रस्तुत करती है, जो मानवता के एक-पांचवें हिस्से का घर है, जो महामारी की चपेट में है।


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