Move to Jagran APP

Coronavirus: गिलगित बाल्टिस्तान में फिर शुरू हो सकता है बांध निर्माण कार्य, पाक सरकार पर भड़के PoK एक्टिविस्ट

अमजद अयूब मिर्जा गुलाम पाकिस्तान (पीओके) के एक कार्यकर्ता हैं। इसके साथ ही ये ग्लासगो में एक लेखक भी हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 04:27 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 04:27 PM (IST)
Coronavirus: गिलगित बाल्टिस्तान में फिर शुरू हो सकता है बांध निर्माण कार्य, पाक सरकार पर भड़के PoK  एक्टिविस्ट
Coronavirus: गिलगित बाल्टिस्तान में फिर शुरू हो सकता है बांध निर्माण कार्य, पाक सरकार पर भड़के PoK एक्टिविस्ट

ग्लासगो, एएनआइ। गुलाम पाकिस्तान (पीओके) के एक कार्यकर्ता ने COVID​​-19 की स्थिति का फायदा उठाने और गिलगित बाल्टिस्तान के डायमर भासा बांध में निर्माण कार्य फिर से शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को लताड़ लगाई है।

loksabha election banner

अमजद अयूब मिर्जा गुलाम पाकिस्तान (पीओके) के एक कार्यकर्ता हैं। इसके साथ ही ये ग्लासगो में एक लेखक भी हैं। उन्होंने इस्लामाबाद द्वारा मुख्य बांध और संबद्ध संरचनाओं के लिए अनुबंध की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित करने के बाद चिंता व्यक्त की है जो अगले कुछ हफ्तों में शुरू होने वाली है।

उन्होंने कहा, "रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत के साथ पाकिस्तान ने गिलगित बल्टिस्तान के लोगों के खिलाफ अपने कथानक को तेज कर दिया है। अब इमरान खान सरकार भासा बांध पर तुरंत काम शुरू करने की योजना बना रही है जो पूरे चिलस शहर को जलमग्न कर देगा जिससे लाखों लोग बेघर हो जाएंगे।"

दियामर भासा डैम परियोजना, चिलास (खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित बाल्टिस्तान) के पास सिंधु नदी पर स्थित है। परियोजना में अनुमानित लागत लगभग 14 बिलियन अमेरीकी डॉलर है। मिर्जा ने कहा, "पाकिस्तान का इरादा गिलगित बाल्टिस्तान में अतिक्रमण करने और खैबर पख्तूनख्वा में क्षेत्र को विलय करने का है।"

उन्होंने बताया कि गिलगित बाल्टिस्तान से पहले ही कोहिस्तान में आठ किलोमीटर का इलाका छीन लिया गया है। हालांकि, पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों को गिलगित बाल्टिस्तान द्वारा सैलरी दी जाती है। गिलगित बाल्टिस्तान के स्थानीय लोगों को कभी भी भास डैम के निर्माण को स्वीकार्य नहीं होगा। वहीं गुलाम कश्मीर के गिलगित बालिस्टान के लोगों ने इसा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का प्रयास बताते हुए भाषा बांध का विरोध किया है।

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों ने इसे प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का प्रयास बताते हुए दियार भाषा बांध का विरोध किया है। कार्यकर्ता ने कहा, "यह एक परियोजना है जो गिलगित बाल्टिस्तान को 1 मेगावाट बिजली भी नहीं देगी। हालांकि, पंजाब प्रांत के उद्योगों को बिजली वितरित की जाएगी।"


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.