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नए आइएसआइ प्रमुख को लेकर इमरान खान और सेना के बीच टकराव, जानिए क्या है पूरा मामला

सेठी ने कहा कि पेशावर कोर कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद की पोस्टिंग और नए डीजी आइएसआइ के रूप में जनरल नदीम अंजुम की नियुक्ति की घोषणा पीएम हाउस से होनी चाहिए थी। क्योंकि सामान्यत पीएम ही आइएसआइ प्रमुख की नियुक्ति करते हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 07:10 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 10:49 PM (IST)
नए आइएसआइ प्रमुख को लेकर इमरान खान और सेना के बीच टकराव, जानिए क्या है पूरा मामला
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की फाइल फोटो

नई दिल्ली, आइएएनएस। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना से कहा है कि वे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के प्रमुख फैज हमीद को बदलने का निर्णय लेने वाली प्रक्रिया का हिस्सा नहीं थे। यह जानकारी फ्राइडे टाइम्स ने दी। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नजम सेठी ने एक टीवी शो में कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री के रुख से टकराव की स्थिति बनती नजर आ रही है। यही वजह है कि नए आइएसआइ प्रमुख की अधिसूचना पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं।

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पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन (आइएसपीआर) की ओर से नए आइएसआइ प्रमुख की घोषणा के बाद पीएम हाउस से अब कोई पुष्टि नहीं हुई है। घोषणा में यह देरी असामान्य है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब यह बात सामने आई है कि इस फैसले से पीएम और सेना के बीच तनाव पैदा हो गया है। सेठी ने कहा कि पेशावर कोर कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद की पोस्टिंग और नए डीजी आइएसआइ के रूप में जनरल नदीम अंजुम की नियुक्ति की घोषणा पीएम हाउस से होनी चाहिए थी। क्योंकि सामान्यत: पीएम ही आइएसआइ प्रमुख की नियुक्ति करते हैं।

सेठी ने कहा कि नए नाम की घोषणा रावलपिंडी से हुई न कि इस्लामाबाद से। पीएम द्वारा बुलाई गई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद की उपस्थिति भी असामान्य थी। उनके स्थानांतरण आदेश जारी किए जा चुके हैं लेकिन जनरल फैज ने आइएसआइ के महानिदेशक के रूप में बैठक में भाग लिया।

सेठी ने यह भी कहा कि नागरिक और सैन्य नेतृत्व के बीच इस प्रकार का गतिरोध अक्सर दोनों पक्षों को ऐसे मोड़ पर ले जाता है जहां से लौटना मुश्किल होता है। यह प्रकरण नागरिक-सैन्य संबंधों को प्रभावित कर सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक से कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं निकला। आइएसपीआर और पीएम हाउस दोनों खामोश हैं। सेठी के अनुसार, कैबिनेट के कुछ सदस्य तनाव कम करने के लिए शामिल हुए, लेकिन गतिरोध अभी भी बना हुआ है।


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