इमरान की सरकार के सामने खड़ा होगा संकट, चीन पहले की तरह नहीं देगा कर्ज!
दरअसल, चीनी बैंकों का मानना है कि नई सरकार से पाकिस्तान के बाजार में अस्थिरता आ सकती है। इसके अलावा पाकिस्तान के अमेरिका से भी रिश्तों में तल्खी आने को इसके पीछे वजह माना जा रहा है।
हॉन्ग कॉन्ग [रायटर्स]। पाकिस्तान में नई सरकार बन गई है। दूसरी ओर पड़ोसी देश चीन भी पीछे हटता नजर आ रहा है। चीन के बैंक अब पाकिस्तान को कर्ज देने के मामले सतर्क हो गए हैं। दरअसल, चीनी बैंकों का मानना है कि नई सरकार से पाकिस्तान के बाजार में अस्थिरता आ सकती है। इसके अलावा पाकिस्तान के अमेरिका से भी रिश्तों में तल्खी आने को इसके पीछे वजह माना जा रहा है। उधर, पाकिस्तान का मुद्रा कोष कमजोर हो रहा है। गौरतलब है कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर और बेल्ट ऐंड रोड प्रोजेक्ट के लिए अरबों डॉलर का कर्ज दे चुका है।
सउदी से भी मांग सकता है मदद
वहीं, आर्थिक अस्थितरता से निपटने के लिए पाकिस्तान चीन के अलावा सऊदी अरब जैसे सहयोगी देशों का भी रुख कर सकता है। गौरतलब है कि इमरान खान और उनकी पार्टी का संसद में बहुमत नहीं है। जिसकी वजह से उसे सरकार चलाने में काफी दिक्कतें पेश आ सकती हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष भी नया कर्ज देने से पहले शर्तें लगा सकता है।
अमेरिका ने भी दिखाई तल्खी
वहीं, पाकिस्तान को अमेरिका ने भी तल्खी दिखाई है और कहा कि उसके कर्ज का इस्तेमाल चीन के कर्ज को चुकाने में न किया जाए। वहीं, चीन की ओर से भी संकेत मिले हैं कि अब वे भी पाकिस्तान को कर्ज देने में सावधानी बरतेंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्थिति ने भी बढ़ाया चीन पर दबाव
गौरतलब है कि चीन कि चिंता अंतरराष्ट्रीय स्थितियों की वजह से भी ज्यादा बढ़ गई है। जिसमें तुर्की की मु्द्रा लीरा के मूल्य में गिरावट और रूस के रूबल पर बढ़ता दबाव भी शामिल है। इसके अलावा अमेरिका से चल रहे ट्रेड वॉर की वजह से भी चीन खुद को ज्यादा सतर्क करे हुए है।
पाकिस्तान ने लिया है इतना कर्ज
उल्लेखनीय है कि चाइनीज डिवेलपमेंट बैंक ने पाकिस्तान को मार्च 2015 तक 1.3 अरब डॉलर कर्ज की मंजूरी दी थी। यह धन 16 प्रॉजेक्ट पर खर्च होना था। वहीं, हाल ही में CDB ने पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा था कि चीन से लिया गया कर्ज 30 साल के लिए बिना ब्याज पर है। कुछ कर्ज पर 2 प्रतिशत का ब्याज देना है।