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OBOR की सुरक्षा को लेकर चीन के हथकंडे, पिछले 5 सालों से आतंकियों के संपर्क में

पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हालिया विवाद के बाद आंशिक रुप से ये बात सामने आई है कि चीन के बलूच कट्टरपंथियों से बात करने को लेकर इस्लामाबाद को कोई समस्या नहीं है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Tue, 20 Feb 2018 03:01 PM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 06:05 PM (IST)
OBOR की सुरक्षा को लेकर चीन के हथकंडे, पिछले 5 सालों से आतंकियों के संपर्क में
OBOR की सुरक्षा को लेकर चीन के हथकंडे, पिछले 5 सालों से आतंकियों के संपर्क में

इस्लामाबाद (एजेंसी)। चीन अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सीपीईसी की सुरक्षा के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहा है। नई रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पाकिस्तान के कब्जे वाले प्रांत बलूचिस्तान के आतंकियों से पिछले 5 सालों से लगातार वार्ता कर रहा है। नई रिपोर्ट की मानें तो चीन अपने कई अरबों डॉलर के प्रोजेक्ट सीपीईसी की सुरक्षा के लिए बलोच आतंकियों से वार्ता कर रहा है।

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बता दें कि चीन ने इन कुछ सालों में काफी प्रगति कर ली है। यहां तक कि अलगाववादियों ने समय-समय पर हमले करने की कोशिश की है लेकिन उनपर कोई बड़ा दबाव नहीं बनाया गया है। एक पाकिस्तानी अधिकारी के हवाले से एक अखबार में ये रिपोर्ट सामने आई है।

गौरतलब है कि बलूचिस्तान के कार्यकर्ता चीन और पाकिस्तान पर अपने देश की जनसांख्यिकी बदलने का आरोप लगाते आ रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान पर बलूचिस्तान पर अबैध कब्जा करने और बलूचों के ऊपर अत्याचार करने का आरोप लगाया है।

आपको बता दें कि पिछले साल कुछ अज्ञात बंदूकधारियों के द्वारा 10 पाकिस्तानियों की हत्या कर दी गई थी जब वे ग्वादर पोर्ट (इकोनॉमिक कॉरीडोर का अहम भाग) के पास काम कर रहे थे। दूसरी तरफ पाकिस्तान शुरु से ही अपने आंतरिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप से जूझ रहा है।

पाकिस्तान का चीन के साथ एक मैत्रीपूर्ण संबंध है। इसके अलावा, पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हालिया विवाद के बाद आंशिक रुप से ये बात सामने आई है कि चीन के बलूच कट्टरपंथियों से बात करने को लेकर इस्लामाबाद को कोई समस्या नहीं है। इस्लामाबाद में एक अधिकारी ने कहा, "आखिरकार अगर बलूचिस्तान में शांति स्थापित होती है तो इससे हम दोनों देशों को फायदा होगा।"

ये नया खुलासा इस बात की ओर भी संकेत करता है कि क्यों एक चीनी राजदूत ने हाल ही में कहा था कि बलूच आतंकवादी संगठन अब सीपीईसी के लिए कोई खतरा नहीं है।

गौरतलब है कि 60 अरब डॉलर सीपीईसी चीन के प्रतिष्ठित वन बेल्ट वन रोड (ओबोर) परियोजना का हिस्सा है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के माध्यम से गुजरता है। इस मामले में भारत ने संप्रभु चिंताओं पर शुरु से ओबोर परियोजना का बहिष्कार किया है।


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