पाक के केंद्रीय बैंक के गवर्नर बोले, FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए और कदम उठाने होंगे
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा है कि पाकिस्तान को एफएटीएफ (FATF) की अगली बैठक में ग्रे सूची से बाहर आने के लिए और कोशिश करने की जरूरत है।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। आतंकियों को पालने पोषने वाले पाकिस्तान को उसके केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने आईना दिखाया है। पाकिस्तानी स्टेट बैंक (State Bank of Pakistan) के गवर्नर एवं दिग्गज अर्थशास्त्री रजा बाकिर (Reza Baqir) ने दो टूक कहा है कि पाकिस्तान को और अधिक कोशिश करने की जरूरत है कि वह एफएटीएफ (FATF) की अगली बैठक में ग्रे सूची से बाहर आए। पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के प्रमुख ने यह भी दावा किया कि इस साल के मध्य में एफएटीएफ के एक्शन प्लान को लेकर इस मसले पर कई कड़े कदम उठाए गए थे। वह मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय बैंक एवं एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा किया गया। सम्मेलन का मकसद मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के जोखिमों को कम करना है।
उन्होंने वित्तीय क्षेत्र से यह भी आग्रह किया कि वह अपने कर्मचारियों को निरंतर प्रशिक्षित करके टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग की निगरानी के मूल्यांकन के लिए तकनीक का इस्तेमाल करे। दरअसल, एफएटीएफ की कार्रवाई की आशंका से पाकिस्तान की इमरान खान सरकार बेहद डरी हुई है। एफएटीएफ द्वारा ग्रे लिस्ट में रखे जाने के बाद से उसने केंद्रीय बैंक को निर्देश दिया है कि वह अपने से जुड़े संस्थानों और हित धारकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए।
बता दें कि FATF ने आतंकी संगठनों की फंडिंग के मामले में लगाम नहीं लगा पाने के कारण जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। यही नहीं पाकिस्तान को 27 बिंदुओं का एक्शन प्लान देते हुए कार्रवाई करने के लिए एक साल का वक्त दिया था। बीते दिनों पेरिस में हुई बैठक में फाइनेंशियल एक्शन टास्ट फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए निर्देश दिया था कि वह फरवरी 2020 तक उसके एक्शन प्लान का पूरी तरह पालन करे।