Move to Jagran APP

इमरान खान की सरकार के खिलाफ बिलावल भुट्टो ने किया अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने का आह्वान

बिलावल भुट्टो का कहना है कि इमरान सरकार को केवल अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाकर ही सत्‍ता से हटाया जा सकता है। इसके लिए वो पीडीएम के सभी दलों को साथ लेकर चल रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार हर क्षेत्र में विफल रही है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 09:30 AM (IST)
इमरान खान की सरकार के खिलाफ बिलावल भुट्टो ने किया अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने का आह्वान
पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी चाहते हैं सरकार को हटाना

कराची (एएनआई)। पाकिस्‍तान पिपुल्‍स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान की सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने की अपील की है। उनका कहना है कि इमरान की सरकार को केवल इसके जरिए ही सत्‍ता से बेदखल किया जा सकता है। एएनआई ने पाकिस्‍तान के अखबार डॉन के हवाले से बताया है कि उन्‍होंने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बिलावल ने कहा कि इमरान खान को नैतिक जिम्‍मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्‍तीफा दे देना चाहिए। क्‍योंकि उनकी सरकार हर क्षेत्र में विफल रही है। इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान 11 पार्टियों से मिलकर बने पाकिस्‍तान डेमाक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) गठबंधन के नेता भी शामिल थे।

loksabha election banner

बिलावल ने कहा है कि वो अराजकतावादी नहीं है। वो लोकतंत्र में विश्‍वास रखते हैं। इसलिए वो इमरान की हर करतूत के लिए कानूनी रूप से सही कदम आगे बढ़ाते हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि विपक्ष को चाहिए कि वो इमरान के हर गलत कदम की बात सदन में उठाए। उनके मुताबिक वो इस मामले में पीडीएम के सभी दलों को एक साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्‍होंने इमरान खान पर तंज कसते हुए ये भी कहा कि देश की जनता सब कुछ भलीभांति जानती और समझती है। वो ये भी जानती है कि इमरान सरकार में बने रहने के लिए क्‍या कुछ कर रहे हैं।

उन्‍होंने इमरान सरकार पर आरोप लगाया कि सीनेट इलेक्‍शन को लेकर सरकार जनता का पैसा बेतहाशा खर्च कर रही है। उनके मुताबिक दरअसल, इमरान सरकार पूरी तरह से डरी हुई है। उन्‍होंने सरकार के इस कदम को गलत बताते हुए कहा कि वो इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्‍हें विश्‍वास है कि कोर्ट इसको वापस सदन में भेज देगी और इस बात का आदेश देगी कि सदन के सदस्‍य इस बारे में खुद फैसला लें।

पाकिस्‍तान की सरकार अटॉर्नी जनरल के माध्‍यम से आर्टिकल 226 को भी परिभाषित कर रही है। ये अनुच्‍छेद इस बात का अधिकार देता है कि प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री के अलावा अन्‍य चुनावों को सीक्रेट बैलेट के तहत करवाया जा सकता है। सरकार का मानना है कि सीनेट चुनाव में खुले मतपत्रों को संविधान में संशोधन करने के बजाय चुनाव अधिनियम 2017 में संशोधन करके पेश किया जा सकता है। हालांकि चुनाव आयोग ने सरकार की इस मंशा का विरोध किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.