इमरान खान बोले- हिंदुस्तानियों से मेरे गहरे ताल्लुक, जानें और क्या ....
उन्होंने कहा कि हमें साथ मिलकर गरीबी के खात्मे पर बात करनी चाहिए। इसके लिए हमें ज्यादा से ज्यादा कारोबार करने चाहिए। लेकिन कश्मीर कोर इश्यू है।
नई दिल्ली [ जागरण ब्यूरो ]। पाकिस्तान के आम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआइ) के सुप्रीमो इमरान खान प्रधानमंत्री बनने से कुछ ही दूर हैं। औपचारिक जीत से पहले इमरान ने अपने पहले संबोधन में भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। इस मौके पर भारत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जितने मेरे हिंदुस्तानियों से ताल्लुक हैं, उतने किसी के नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि हमें साथ मिलकर गरीबी के खात्मे पर बात करनी चाहिए। इसके लिए हमें ज्यादा से ज्यादा कारोबार करने चाहिए। लेकिन कश्मीर कोर इश्यू है। वहां, मानवाधिकारों का लगातार हनन हो रहा है। हमें इसे हल करने की कोशिश करनी चाहिए। हम कब तक एक दूसरे को कश्मीर और बलूचिस्तान पर दोष देते रहेंगे।’ उन्होंने कहा कि हिंदुस्तानी मीडिया ने मुङो बॉलीवुड फिल्म 2009 के विलेन के रूप में 2009 दिखाया है। उन्होंने बताया कि अगर पाकिस्तान में इमरान आ गया तो सब गलत हो जाएगा।
पाकिस्तान के आम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी पीटीआइ
पाकिस्तान के आम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआइ) के सुप्रीमो इमरान खान प्रधानमंत्री बनने से कुछ ही दूर हैं। देर रात तक उनकी पार्टी 272 में से 118 सीटों पर या तो जीत चुकी थी या आगे चल रही थी। हालांकि, यह संख्या सरकार बनाने के लिए जरूरी 137 सीटों से अब भी 19 कम हैं। पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को 62 और पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 43 सीटें ही मिलने के आसार हैं। आइए जानते हैं भारत समेत देश दुनिया के बारे में क्या है इमरान की राय।
औपचारिक जीत से पहले इमरान ने अपने पहले संबोधन में भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। साथ ही जिस तरह कश्मीर को दोनों देशों के रिश्तों का मुख्य बिंदु बताया, उससे साफ है कि वह अभी पाकिस्तानी फौज को चुभने वाली बातों से परहेज करेंगे। भारत के साथ कारोबारी रिश्तों को आगे बढ़ाने की बात करने के साथ ही इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि भारत दोस्ती की तरफ एक कदम चलता है तो वह दो कदम चलने को तैयार हैं।
मगर आतंकवाद पर उनकी चुप्पी से भारतीय विदेश मंत्रलय निराश है। इमरान ने नई सरकार की कूटनीति का जिक्र किया तो भारत के बारे में सबसे अंत में बात की। उन्होंने कहा कि किसी मुल्क को शांति की जरूरत है तो वो हमें है। चीन के साथ रिश्तों को हम मजबूत करेंगे। इसके जरिये निवेश को बढ़ावा देंगे।
हमारी कोशिश रहेगी कि हम अपने यहां भी गरीबी दूर करेंगे चीन की तरह। इस दुनिया के इंसानों में सबसे ज्यादा तकलीफ अफगानिस्तान के लोगों ने उठाई है। वहां अमन होगा तो हमारे यहां भी अमन होगा। हमारी कोशिश होगी कि वहां अमन लाया जाए और हमारी सीमाएं खुली हों। अमेरिका के साथ भी हमारे रिश्ते अच्छे हों क्योंकि अफगानिस्तान में अमेरिका है। ईरान हमारा हमसाया है, उसके साथ हमारे रिश्ते अच्छे रहेंगे। सऊदी के साथ भी हम अच्छे रिश्ते चाहते हैं।’