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15 अगस्‍त के दिन पाक में भी गूंजा 'जय हिंद', बलोच बोले- हमें भी आजाद कराए मोदी सरकार

73rd Independence Day-बलूचिस्‍तान प्रांत के लोगों ने भारतवासियों को बधाई दी और जयहिंद के नारे लगाए। बलूच लोगों ने भारत सरकार से अपील की है वह उनकी आजादी में मदद करें।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 02:17 PM (IST)
15 अगस्‍त के दिन पाक में भी गूंजा 'जय हिंद', बलोच बोले- हमें भी आजाद कराए मोदी सरकार
15 अगस्‍त के दिन पाक में भी गूंजा 'जय हिंद', बलोच बोले- हमें भी आजाद कराए मोदी सरकार

इस्‍लामाबाद, एजेंसी। भारत के 73वें स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर पाकिस्‍तान से भी जयहिंद की आवाज आई है। इस मौके पर बलूचिस्‍तान प्रांत के लोगों ने भारतवासियों को बधाई दी और जयहिंद के नारे लगाए। बलूच लोगों ने भारत सरकार से अपील की है, वह उनकी आजादी में मदद करें। उन्‍होंने कहा वह पाक सरकार से बलूचों को मुक्‍त कराएं।
पाकिस्‍तान में बलूचिस्‍तान प्रांत के लोगों ने भारत के 73वें स्‍वतंत्रता दिवस पर भारतवासियों को बधाई दी। इस अवसर पर उन्‍होंने भारतीयों के साथ एकजुटता व्‍यक्‍त की। बलूच कार्यकर्ताओं ने कहा कि बलूचिस्‍तान को पाक मुक्‍त करने के लिए हमें भारत सरकार का सहयोग और समर्थन चाहिए। बलूचिस्‍तान की आजादी की यह अपील ऐसे समय आई है, जब पाकिस्‍तान भारतीय अनुच्‍छेद 370 का रोना पूरी दुनिया में रो रहा है।
हालांकि, दुनिया के सभी प्रमुख मुल्‍कों ने उसकी अनुच्‍छेद 370 में दी जा रही सभी दलीलों को खारिज कर दिया है और भारत के स्‍टैंड को सही माना। उधर, बलूच नेताओं ने कहा कि 'मैं अपने भारतीयों भाइयों और बहनों को स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं देना चाहता हूं। पिछले 70 वर्षों में उन्‍होंने जो सफलता अर्जित की है, वह भारतीयों को गर्व से भर देती है। आज दुनिया भर में भारतीयों का डंका बज रहा है। हम बलूच उनकी एकजुटता और मदद के लिए धन्‍यवाद देते है।'  
पाकिस्‍तान का बलूचिस्‍तान प्रांत 
1- बलूचिस्‍तान दक्षिण पश्चिम पाकस्तिान, ईरान के दक्षिण पूर्वी प्रांत सिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बलूचिस्‍तान प्रांत तक फैला हुआ है। लेकिन इसका अधिकांश इलाका पाकस्तिान के कब्‍जे में है। बलूचिस्‍तान पाकिस्‍तान का करीब 44 फीसद हिस्‍सा है। इस इलाके में अधिकांश बलूच आबादी रहती है। पाकिस्‍तान का यह इलाका सबसे गरीब और उपेक्षित है। हालांकि, प्राकृतिक संसाधानों के लिहाज यह यह सर्वाधिक उपयोगी क्षेत्र है।

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2- सामरिक दृष्टि से बलूचिस्‍तान का ग्‍वादर बंदरगाह ईरान, अफगान और भारत को टारगेट करने के लिए सबसे बेहतर बेस बन सकता है। इससे पाकिस्‍तान से गुजरे बिना ही भारत, अफगानिस्‍तान पहुंच सकता है।  

3- 1948 से बलूचिस्‍तान पाकिस्‍तानी कब्‍जे के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। बलूस्तिान का दावा रहा है कि उन्‍हें 11 अगस्‍त 1947 को अंग्रेजों से आजादी मिली थी । लेकिन पाकिस्‍तान इसे अपना हिस्‍सा मानता रहा है। पाकिस्‍तानी सेना ने कई बार बलूच आंदोलन को निर्मम तरीके से खतम किया है। 


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