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विद्रोहियों के हमले रोकने में विफल हो रही पाकिस्‍तानी फौज, ताजा हमले में पुलिसकर्मी की मौत, अब तक 323 सुरक्षा बलों की मौत

सुरक्षा बलों पर हो रहे हमलों ने पाकिस्तानी सेना की लाचारी दिखाई है। मौजूदा वक्‍त में पाकिस्‍तान की पश्चिमी सीमा पर हालात नाजुक हैं। इस साल हमलों की 152 से अधिक घटनाएं हुईं जिनमें सुरक्षा बल के 323 जवान मारे जा चुके हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 07:09 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 07:21 PM (IST)
विद्रोहियों के हमले रोकने में विफल हो रही पाकिस्‍तानी फौज, ताजा हमले में पुलिसकर्मी की मौत, अब तक 323 सुरक्षा बलों की मौत
पाकिस्‍तान आए दिन आतंकी हमलों का शिकार हो रहा है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

पेशावर, एएनआइ। आतंकियों को पालने पोषने वाले पाकिस्‍तान को अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पाकिस्‍तान आए दिन विद्रोहियों के हमलों का शिकार हो रहा है। इसी कड़ी में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर के बाहरी इलाके में बुधवार को कार हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। यह हमला तब हुआ जब वह अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जा रहा था।

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समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रंटियर रिजर्व पुलिस के इंस्पेक्टर सेहर गुल को इंकलाब पुलिस थाना क्षेत्र में चार हमलावरों ने निशाना बनाया। पुलिस इस घटना की छानबीन आतंकी हमला मानकर कर रही है। पेशावर में एक हफ्ते से कम समय में हुए ऐसे हमले का शिकार बनने वाले गुल दूसरे पुलिस अधिकारी हैं। पिछले गुरुवार को कार सवार बंदूकधारियों ने शापुर थाने के थाना प्रभारी शकील खान की हत्या कर दी थी।

समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हो रहे हमलों ने पाकिस्तान के अशांत क्षेत्रों... खास कर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) में सेना की लाचारी साबित कर दी है। मौजूदा वक्‍त में पाकिस्‍तान की पश्चिमी सीमा पर हालात नाजुक हैं।

कनाडा स्थित एक थिंक टैंक, इंटरनेशनल फोरम फार राइट्स एंड सिक्योरिटी (IFFRAS) के मुताबिक बार बार हो रहे इस तरह के हमलों ने पाकिस्तानी सेना को 11वीं और 12वीं कोर की तैनाती जारी रखने को मजबूर कर दिया है। पाकिस्तान बलूचिस्तान समेत कुछ केद्र शासित जनजातीय क्षेत्रों और खैबर पख्‍तूनख्‍वां (केपीके) के कई क्षेत्रों में अपना अधिकार स्थापित करने में विफल रहा है जहां स्‍थानीय नेता वैकल्पिक सत्ता केंद्र बने हुए हैं।

पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को केपीके और बलूचिस्तान के अशांत क्षेत्रों में भारी जनहानि का सामना करना पड़ रहा है। इस साल इन इलाकों में 152 से अधिक आतंकी घटनाएं हुईं जिनमें सुरक्षा बल के 323 जवान मारे जा चुके हैं जबकि 186 जख्‍मी हुए हैं। क्षेत्रों के अलगाववादी समूहों की ओर से किए गए हमलों की हालिया प्रकृति से पता चलता है कि विद्रोहियों ने प्रभावी हथियारों के साथ ही बेहतर रणनीति तैयार की है। 


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