आतंकियों के निशाने पर इमरान का पोलियो उन्मूलन अभियान, कार्यकर्ताओं पर हमला, दौ की मौत
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkhwa province) में एक पोलियो टीम पर बंदूकधारियों के हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है।
पेशावर, पीटीआइ। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान का राष्ट्रव्यापी पोलियो उन्मूलन अभियान भी आतंकियों के निशाने पर आ गया है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkhwa province) में बुधवार को एक पोलियो टीम पर अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला बोल दिया जिसमें टीम की सुरक्षा कर रहे दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। यह घटना दीर जिले Dir district in Pakistan में हुई। हमलावर घटना को अंजाम देने के बाद भागने में सफल रहे। घटना के बाद तलाशी अभियान चलाया गया है।
बता दें कि पाकिस्तान में पालियो टीमें बीते एक दशक से आतंकियों के निशाने पर हैं। दिसंबर 2012 से पोलियो टीमों पर हुए हमलों में 68 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई जख्मी हुए हैं। पाकिस्तान में आतंकवाद के कट्टरपंथी आकाओं का मानना है कि पोलियो की खुराक बांझपन की वजह बनती है। कट्टरपंथियों की इन्हीं दकियानूसी अफवाहों के कारण पाकिस्तान आज भी पोलिया जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। पाकिस्तान में इस साल पोलियो के 98 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 72 मामले सिर्फ खैबर पख्तूनख्वा से हैं। वहीं भारत पोलियो मुक्त देश घोषित हो चुका है।
रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान में बच्चों को पोलियो ड्रॉप नहीं पिलाए जाने और पोलिया उन्मूलन टीम पर हो रहे हमलों के पीछे कहीं न कहीं धार्मिक कट्टरता सामने आ जाती है, जिसका असर धीरे-धीरे दिखता है। यही कारण है कि जब इस साल के खत्म होने में कुछ दिन ही बाकी हैं पाकिस्तान में पोलियो के मामले ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पाकिस्तान दुनिया के उन तीन मुल्कों (अफगानिस्तान, नाइजीरिया और खुद पाकिस्तान) में शामिल है जहां पोलियो की बीमारी अभी भी बनी हुई है।
बीते 16 दिसंबर को प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रव्यापी पोलियो उन्मूलन अभियान की शुरुआत करते हुए कहा था कि देश से पोलियो का उन्मूलन न हो पाना शर्म की बात है। मैं माताओं से आग्रह करता हूं कि वे हेल्थ वर्करों के पास जाएं और अपने बच्चों को पोलियो रोधी दवा की खुराक पिलाएं। यह आपके बच्चों और मुल्क के भविष्य के लिए अहम है। असल में पाकिस्तान में स्थितियां धीरे-धीरे अराजक होती जा रही हैं। आतंकवादी संगठनों की फंडिंग पर रोक लगाने को लेकर एफएटीएफ उसे लगातार हिदायतें दे रहा है लेकिन फिर भी देश में आतंकी वारदातें थम नहीं रही हैं।