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परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील

इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने पिछले साल 17 दिसंबर को दुबई में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे पूर्व तानाशाह को देशद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 04:44 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 05:07 PM (IST)
परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील
परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान के एक वकील ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में हाई कोर्ट द्वारा जारी आदेश को खारिज करने की अपील की है।

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इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने पिछले साल 17 दिसंबर को दुबई में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे पूर्व तानाशाह को देशद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन लाहौर हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए कहा था कि इस मामले में विशेष अदालत का गठन असंवैधानिक था और मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करते समय नियमों का पालन नहीं किया गया था।

मुशर्रफ की याचिका स्वीकार करने पर भी सवाल

डॉन अखबार के मुताबिक, सोमवार को दाखिल की गई वकील तौफीक आसिफ की याचिका में हाई कोर्ट के आदेश को गैरकानूनी बताते हुए उसे खारिज करने की मांग की गई है। याचिका में तर्क दिया गया है कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश के जरिये अनुच्छेद-6 को अमान्य और अप्रभावी बना दिया, जबकि पाकिस्तान के संवैधानिक इतिहास में इसका विशेष महत्व है। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट द्वारा मुशर्रफ की याचिका को स्वीकार करने पर भी सवाल उठाया।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) सरकार ने नवंबर, 2007 में असंवैधानिक तरीके से आपातकाल लगाये जाने को लेकर पूर्व सैन्य प्रमुख मुशर्रफ के खिलाफ 2013 में देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। इस आपातकाल के चलते शीर्ष अदालत के कई न्यायाधीशों को उनके घर में कैद होना पड़ा था और 100 से अधिक न्यायाधीशों को पद से हटा दिया था।

गौरतलब है कि देशद्रोह के गंभीर मामले में मुशर्रफ के खिलाफ चले मुकदमे को लाहौर हाईकोर्ट ने 13 जनवरी को असंवैधानिक घोषित कर दिया था, जिससे पूर्व राष्ट्रपति को सुनायी गयी मौत की सजा निरस्त हो गयी थी।


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