नवाज शरीफ की फिर बढ़ी मुश्किलें, दर्ज किया गया 34 साल पुराना भ्रष्टाचार का एक और मामला
किसी भी समन का जवाब नहीं देने पर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने शरीफ को भगोड़ा घोषित करने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान के भ्रष्टाचार रोधी निकाय ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और तीन अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक और मामला दर्ज किया है। यह केस 34 साल पहले पंजाब प्रांत में भूमि के अवैध आवंटन से जुड़ा है। बता दें कि चिकित्सा उपचार के लिए लंदन में रह रहे 70 वर्षीय शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। साथ ही किसी भी समन का जवाब नहीं देने पर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने शरीफ को भगोड़ा घोषित करने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
लाहौर में 54 कनाल भूमि आवंटित की गई थी
एनएबी द्वारा दायर मामले में जिन तीन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें जंग/जियो मीडिया समूह के मालिक मीर शकीलुर रहमान, लाहौर विकास प्राधिकरण (एलडीए) के निदेशक हुमायूं फैज रसूल और पूर्व निदेशक (भूमि) मियां बशीर हैं। ऐसा आरोप है कि 1986 में जब शरीफ पंजाब के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने नियमों को धता बताकर मीर शकीलुर रहमान को लाहौर में 54 कनाल भूमि आवंटित की। रहमान को 12 मार्च को एनएबी ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह न्यायिक रिमांड पर हैं। शरीफ और एलडीए के दो अधिकारियों पर नियमों का उल्लंघन कर रहमान को नहर के निकट की कीमती जमीन आवंटित करने के लिए पद का दुरुपयोग करने का आरोप है।
इलाज के लिए विदेश जाने की मिली थी अनुमिति
तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ नवंबर में लंदन गए थे। लाहौर हाईकोर्ट ने उन्हें इलाज के लिए चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी। उन्हें अज- अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में जमानत दे दी गई थी, जिसमें वह कोट लखपत जेल में सात साल की जेल की सजा काट रहे थे। उन्हें विदेश जाने के लिए मनी लांड्रिंग के एक मामले में भी जमानत दी गई थी।