पनामा पेपर्स कांड से जुड़ी कंपनी बंद, पाकिस्तान के पूर्व PM नवाज शरीफ की ले ली थी कुर्सी
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ की कुर्सी छीन लेने वाले पनामा पेपर्स कांड से जुड़ी कंपनी बंद।
पनामा सिटी (एजेंसी)। दुनियाभर के लोगों के विदेश में काले धन निवेश को उजागर करने वाले पनामा पेपर्स से जुड़ी विधि कंपनी ने कामकाज बंद करने की घोषणा की है। उसने इसके लिए नकारात्मक मीडिया अभियान और अधिकारियों की अनुचित कार्रवाई को जिम्मेदार बताया है। पनामा पेपर्स कांड के चलते पाकिस्तान समेत दो देशों के प्रधानमंत्रियों को पद गंवाना पड़ा था।
भारत समेत दुनियाभर के कई देशों की हस्तियों के नाम पनामा पेपर्स में शामिल हैं। विधि कंपनी मोसेक फोनसेका ने बयान जारी कर कहा कि गिरती प्रतिष्ठा, मीडिया अभियान, वित्तीय परिणामों और पनामा के कुछ अधिकारियों की अनुचित कार्रवाइयों ने अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। इसके चलते इस महीने के अंत में कंपनी के सार्वजनिक कामकाज बंद किए जा रहे हैं। उसने कहा कि कंपनी के छोटे ग्रुप अधिकारियों, आम नागरिकों और निजी समूहों की समस्याओं को हल करने का काम जारी रखेंगे। पिछले साल अगस्त में कंपनी के सह-संस्थापक जुरगेन मोसेक ने कहा था कि कंपनी ने साख को पहुंचे नुकसान के बाद विदेश में अपने अधिकतर कार्यालयों को बंद कर दिया है।
2016 उजागर हुआ था कांड पनामा पेपर्स कांड
तीन अप्रैल 2016 को पनामा पेपर्स उजागर होना शुरू हुआ था। मोसेक फोनसेका के डिजिटल अभिलेखागार से करीब 1.15 करोड़ फाइल लीक हुई थीं। इनमें दुनियाभर के धनी और प्रभावशाली लोगों के काले धन विदेश में कंपनियों में निवेश करने की जानकारियां थीं। जर्मनी के अखबार सुएडड्यूश जिनतुंग ने ये जानकारियां हासिल कर लीं और इन्हें इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स के साथ साझा किया। इससे संबंधित जानकारियां आज भी उजागर हो रही हैं।
शरीफ हुए पद से बेदखल
पनामा पेपर्स कांड में पाक सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहरा दिया था। इसके बाद उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा। इसके अलावा आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमंडर डेविड गुनालॉगसन को पनामा पेपर्स में परिजनों के नाम आने पर पद छोड़ना पड़ा था। पनामा पेपर्स में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी, अर्जेटीना के राष्ट्रपति मॉरिसियो मैक्री, स्पेन के फिल्म निर्माता पेड्रो अल्मोडोवर और अन्य कई लोगों के नाम शामिल हैं। अमेरिका स्थित सेंटर फॉर पब्लिक इंटेग्रिटी के मुताबिक, 79 देशों में कर चोरी और मनी लांड्रिंग संबंधी 150 मामलों की जांच शुरू की गई।