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अफगानिस्‍तान में सरकार बनने के बाद तालिबान की पत्रकारों पर बर्बरता, खौफ के माहौल के बीच कई ने छोड़ा देश

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने के बाद पत्रकारों पर बर्बरता जारी है। तालिबान लड़ाके पत्रकारों के बुनियादी अधिकारों का लगातर उल्लंघन कर रहे हैं। उनको तंग कर रहे हैं और यातनाएं दे रहे हैं। ऐसे हालात में कई पत्रकार देश छोड़ने पर मजबूर हुए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 07:22 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 07:46 PM (IST)
अफगानिस्‍तान में सरकार बनने के बाद तालिबान की पत्रकारों पर बर्बरता, खौफ के माहौल के बीच कई ने छोड़ा देश
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने के बाद पत्रकारों पर बर्बरता जारी है।

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने के बाद पत्रकारों पर बर्बरता जारी है। तालिबान लड़ाके पत्रकारों के बुनियादी अधिकारों का लगातर उल्लंघन कर रहे हैं। उनको तंग कर रहे हैं और यातनाएं दे रहे हैं। कई पत्रकारों की हत्या भी कर दी गई है। ऐसे हालात में कई पत्रकार देश छोड़ने पर मजबूर हुए हैं। अल अरबिया पोस्ट के अनुसार, पत्रकारों में खौफ है। उनमें निराशा का माहौल है, क्योंकि उन्होंने बीते 20 वर्षों के दौरान पत्रकारिता को जिस तरह स्थापित किया था, वह अब खतरे में है।

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निजी टीवी चैनलों की सामग्री में बदलाव आ रहा है। सियासी बहस, मनोरंजन और संगीत शो के साथ विदेशी ड्रामा की जगह तालिबान सरकार के कार्यक्रमों को दिखाया जा रहा है। अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान लड़ाके पत्रकारों को खोज खोज कर परेशान कर रहे हैं। कई पत्रकारों को यातनाएं दी जा रही हैं तो कुछ की हत्या कर दी गई है। पत्रकारों के कैमरों को छीनने की भी खबरें आ रही हैं।

अफगान नागरिकों के विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों को झूठे आरोपों में हिरासत में लिया जा रहा है। तालिबान लड़ाकों ने इसी तरह के विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले दो पत्रकारों को लहूलुहान कर दिया था। ऐसे हालात में ज्यादातर पत्रकार छुपकर रह रहे हैं और अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट को बंद कर दिया है। कुछ देश छोड़कर जा चुके हैं। तालिबान ने महिला पत्रकारों को काम बंद करने और घर पर ही रहने को कहा है।

बच्चों की सुरक्षा पर यूएन ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की विशेष प्रतिनिधि वर्जीनिया गांबा ने अफगानिस्तान में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान बच्चों के लिए अब भी सबसे खतरनाक स्थानों में है। इस देश में उच्च स्तर पर हिंसा से बच्चों के लिए ज्यादा खतरा है। 


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