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Aasia Bibi case: कोर्ट के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरे कट्टरपंथी, 90 से ज्यादा गिरफ्तार

ईशनिंदा के मामले में आसिया बीबी के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद पाकिस्तान में कट्टरपंथी धार्मिक संगठन के सड़कों पर उतर गए हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 06:10 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 06:10 PM (IST)
Aasia Bibi case: कोर्ट के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरे कट्टरपंथी, 90 से ज्यादा गिरफ्तार
Aasia Bibi case: कोर्ट के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरे कट्टरपंथी, 90 से ज्यादा गिरफ्तार

इस्लामाबाद, एजेंसी। ईशनिंदा के मामले में आसिया बीबी के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद पाकिस्तान में कट्टरपंथी धार्मिक संगठन सड़कों पर उतर गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे 90 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी देश के अलग-अलग हिस्सों में मंगलवार और बुधवार को हुई।

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पंजाब पुलिस के प्रवक्ता नबीला गज़नफ़र ने बताया कि इन 90 लोगों में से ज्यादातर गिरफ्तारियां लाहौर, रावलपिंडी और गुजरांवाला से हुई। गिरफ्तार लोगों में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के ज्यादातर सदस्य हैं।  पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि आसिया बीबी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में लाहौर में तीन, जबकि गुजरांवाला और रावलपिंडी में एक-एक प्रदर्शन हुए। लेकिन पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर इसे नाकाम कर दिया।

पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में आसिया को मिली मौत की सजा को रद कर दिया था। इस फैसले से भड़के कट्टरपंथियों ने देशभर में भारी विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद फिर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत के इस फैसले के खिलाफ कट्टरपंथी संगठन विरोध कर रहे हैं।

पिछले साल अक्टूबर में ईसाई महिला आसिया बीबी को ईशनिंदा मामले में अदालत से दोषमुक्त किए जाने के फैसले के बाद कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों ने देशभर में हिंसक प्रदर्शन किए थे। 47 वर्षीय आसिया बीबी को आठ साल पहले ईशनिंदा मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान की अगुआई में धार्मिक संगठनों द्वारा तीन दिन तक देशभर में फैलाई गई हिंसा से हुए नुकसान पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। अभी हाल में ही मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों को महीनेभर में सभी पीड़ि‍तों को मुआवजा देने का निर्देश दिया था।

बता दें कि आसिया को ईश निंदा मामले में साल 2010 में सजा सुनाई गई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने पड़ोसियों के साथ झगड़े में इस्लाम का अपमान किया। आसिया ने इन्कार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में ईसाई महिला आसिया बीबी की जान खतरे में है जिसकी वजह से वह जल्द देश छोड़ सकती हैं। उनकी दो बेटियां पहले ही पाकिस्तान छोड़कर कनाडा शिफ्ट हो गई हैं।

माना जा रहा है कि, आसिया बीबी अमेरिका या कनाडा शिफ्ट हो सकती हैं। नवबंर 2018 में अमेरिकी सीनेटर रैंड पॉल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पाकिस्तान की ईसाई महिला आसिया बीबी को अमेरिका में शरण देने की मांग की थी। 


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