पाक में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मियों से 12 घंटे पूछताछ, गंदा पानी पिलाया और रॉड से पीटा
सूत्रों ने कहा कि उनसे 12 घंटे पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान उनकी रॉड से पिटाई की गई। उन्हें गंदा पानी पिलाया गया।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मियों को लंबी गिरफ्तारी के बाद रिहा कर दिया गया। इस्लामाबाद पुलिस की एफआईआर में यह दावा किया गया है कि भारतीय उच्चायोग के कर्मी जिस कार में यात्रा कर रहे थे, उसमें 10,000 रुपये के नकली पाकिस्तानी मुद्रा पाई गई थी।
कठोर पूछताछ, गंदा पानी पिलाया
सूत्रों ने कहा कि लगभग 12 घंटे तक उनसे पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान उनकी रॉड से पिटाई की गई। उन्हें गंदा पानी पिलाया गया। पूछताछ के दौरान उन्हें बार-बार यह धमकी दी गई कि इस तरह से उच्चायोग के अन्य सदस्यों के साथ भविष्य में भी व्यवहार किया जाएगा। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने यह कार्रवाई उस वक्त की है, जब अभी हाल में भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग के दो अफसरों को गोपनीय दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया था और देश से बाहर निकाल दिया था। इसके कुछ दिन बाद पाकिस्तान की यह हरकत सामने आई है।
मेडिकल जांच में जानलेवा चोटों का पता नहीं
दोनों कर्मियों को रात करीब 9 बजे भारतीय उच्चायोग को वापस सौंप दिया गया। यहां खास बात यह है कि उनकी मेडिकल जांच में अब तक किसी तरह की जानलेवा चोटों का पता नहीं चला है। पाकिस्तान ने मारपीट की बात को कबूल नहीं किया है, जबकि दोनों कर्मचारियों के गर्दन, चेहरे और जांघों पर व्यापक चोट के निशान थे। उनकी चोट यह बताती है कि उनके साथ जबरदस्त रूप से मारपीट की गई है।
आंखों पर पट्टी बांधी और हथकड़ी लगाई
सूत्रों के अनुसार सोमवार की सुबह लगभग 15 से 16 हथियारबंद लोगों ने भारतीय कर्मचारियों को उच्चायोग के पास से ही एक पेट्रोल स्टेशन गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उनकी आंखों पर पट्टी बांधी और हथकड़ी लगाई। सूत्रों ने बताया कि 15 से 16 हथियारबंद लोगों 5-6 गाड़ियों में आए थे। वह उन्हें अज्ञात जगह ले गए। सूत्रों ने कहा कि अपहरणकर्ताओं ने कई वीडियो बनाए, जिनमें उच्चायोग के कर्मियों को यह स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया था कि उन्होंने अपना गुनाह कबूल किया है। हथियारबंद लोगों ने भारतीय कर्मचारियों को यह भी स्वीकार करने के लिए मजबूर किया कि उच्चायोग में कथित खुफिया अधिकारी उन्हें बाहर के लोगों को अपनी कारों में उच्चायोग के अंदर बैठकों के लिए लाने को मजबूर करते हैं।