पाकिस्तानियों ने कोरोना वायरस के खिलाफ विकसित की इम्युनिटी, स्टडी में खुलासा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यह अध्ययन 25 अन्य देशों में एक साथ किए जा रहे डब्ल्यूएचओ यूनिटी स्टडी का हिस्सा है।
इस्लामाबाद, पीटीआई। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब पाकिस्तान में भी जागरुकता बढ़ने लगी है। पाकिस्तान में अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा लोगों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि की जा चुकी है। इस बीच एक रिसर्च में नई बात सामने आई है कि पाकिस्तान के 11 फीसद लोग कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित करने में सफल हुए हैं।
यह सभी आंकड़े "नेशनल सरोप्रवलेंस स्टडी" (National Seroprevalence Study) में सामने आए हैं जो इस साल 25 देशों में जुलाई महीने में की गई थी। यह स्टडी हेल्थ सर्विस एकेडमी द्वारा आगा खान विश्वविद्यालय, और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तकनीकी सहायता के साथ आयोजित की गई थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, यह अध्ययन 25 अन्य देशों में एक साथ किए जा रहे डब्ल्यूएचओ यूनिटी स्टडी का हिस्सा है। द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, वायरस के खिलाए जनसंख्या के कितने प्रतिशत लोगों ने सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा (एंटीबॉडी) विकसित की है, इसका आकलन करने के उद्देश्य से सरोप्रवलेंस (Seroprevalence) अध्ययन किया जाता है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि लगभग 11 फीसद पाकिस्तानी नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा (Immunity) विकसित करने में सफल रहे हैं।
बता दें कि पाकिस्तान में अभी कर कोरोना संक्रमण के अभी तक 2,91,588 मामले सामने आ चुके हैं जबकि, 6,219 लोगों की मौत इस वायरस के कारण हो चुकी है।
इस स्टडी में शामिल एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभी प्रारंभिक निष्कर्षों को साझा किया था और अन्य रिपोर्टों को तीन से चार सप्ताह के अंदर साझा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया, "इस स्टडी के लगभग 80 आधार थे, जिनमें कितने फीसद लोग एंटीबॉडी विकसित कर पा रहे हैं, उनका पता लगाना। इसके अलावा, कौन सा आयु वर्ग वायरस के प्रति कमजोर है और फेस मास्क एवं सभी जरूरी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने के बाद, ग्रामीण व शहरी इलाकों में कोरोना संक्रमितों की संख्या का अनुपात क्या है।