मुंबई हमले के 10 साल : पाकिस्तान की अदालत में खिंचती जा रही सुनवाई
मुंबई में हमले का मास्टर माइंड लश्कर आतंकी जकी-उर-रहमान लखवी अप्रैल 2015 में जमानत मिलने के बाद जेल से छूट गया और तबसे भूमिगत है।
लाहौर, प्रेट्र। भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में 26/11 को हुए नरसंहार के सोमवार को 10 बरस पूरे हो गए। लेकिन, पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी एक अदालत में खौफनाक हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के आरोपों का सामना कर रहे लश्कर के सात आतंकियों के खिलाफ सुनवाई अब भी चल ही रही है। यह स्थिति तब है, जब इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 2015 में आतंकवाद विरोधी अदालत को दो महीने में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था।
हमले का मास्टर माइंड कहलाने वाला लश्कर आतंकी जकी-उर-रहमान लखवी अप्रैल 2015 में जमानत मिलने के बाद जेल से छूट गया और तबसे भूमिगत है। हालांकि, एक तरह से वह बरी हो गया है, क्योंकि पाकिस्तान सरकार ने उसकी जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का कोई संकेत नहीं दिया है। अन्य छह आतंकी जेल में हैं।
सुनवाई में आ रहे नाटकीय मोड़, न्यायाधीशों को बार-बार बदले जाने और एक अभियोजक की हत्या के चलते लग रहा है कि अन्य छह संदिग्धों को भी बरी किया जा सकता है। पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में 12 जगहों पर गोलियों और बमों से हमला किया था।
आतंकियों का यह कहर चार दिन तक चला था। इस हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे। पुलिस ने नौ हमलावरों को मार गिराया था, जबकि एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। भारत में सुनवाई के बाद उसे फांसी दे दी गई थी।