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India worried about China missile DF 26: भारत ने सीमा पर तैनात चीनी मिसाइल DF-26 का तोड़ खोजा, रूस की इस मिसाइल से कांप उठेगा दुश्मन

zircon hypsonic cruise missile जिरकान हाइपसोनिक क्रूज मिसाइल (Zircon Hypersonic Cruise Missile) सुर्खियों में है। ऐसे में यह जिज्ञासा होती है कि यह जिरकान हाइपरसोनिक मिसाइल क्‍या है? युद्ध के दौरान यह किस तरह से काम करती है? भारतीय सेना को इसकी जरूरत क्‍यों पड़ी?

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 10:41 AM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 07:44 PM (IST)
India worried about China missile DF 26: भारत ने सीमा पर तैनात चीनी मिसाइल DF-26 का तोड़ खोजा, रूस की इस मिसाइल से कांप उठेगा दुश्मन
China DF 26 vs Russian Zircon: भारत ने सीमा पर तैनात चीनी मिसाइल DF-26 का तोड़ खोजा। एजेंसी।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Zircon cruise missile vs China DF 26: भारत-चीन सीमा पर ड्रैगन की सैन्‍य तैयारी के मद्देनजर भारत ने भी एक सुदृढ़ सैन्‍य रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। भारत ने अपनी सरहदों की सुरक्षा के लिए पहले एस-400 की तैनाती की है। इसके बाद भारत ने रूसी ज‍िरकान हाइपरसोनिक मिसाइल की तकनी‍क का प्रयोग करने जा रही है। इसके चलते अब जिरकान हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Zircon Hypersonic Cruise Missile) सुर्खियों में है। ऐसे में सवाल उठता है कि भारत को जिरकान हाइपरसोनिक मिसाइल की जरूरत क्‍यों पड़ी। भारत-चीन सीमा पर ड्रैगन की क्‍या तैयारी है? चीन की किस सैन्‍य रणनीत‍ि ने भारत को चिंता में डाल दिया है? ऐसे में यह जिज्ञासा होती है कि यह जिरकान हाइपरसोनिक मिसाइल क्‍या है? युद्ध के दौरान यह किस तरह से काम करती है? भारतीय सेना को इसकी जरूरत क्‍यों पड़ी?

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1- रूस का दावा है कि जिरकान हाइपरसोनिक मिसाइल की स्‍पीड इतनी अधिक है कि यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को भी मात दे सकती है। यूक्रेन युद्ध में जिरकान हाइपरसोनिक मिसाइल का भी उपयोग किया गया है। यह दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल सिर्फ पांच मिनट में लंदन शहर को निशाना बना सकती है। जिरकान मिसाइल इस साल रूसी सेना में शामिल हुई है। रूस की जिरकान हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल एक एंटी शिप मिसाइल है। यह मिसाइल अमेरिका के सबसे अडवांस विमानवाहक पोतों को भी डुबा सकती है। यह बेहद आसानी से अमेरिकी एजीस काम्बैट सिस्टम को हरा सकती है। वहीं रूस और चीन दोनों ही अमेरिकी विमानवाहक पोतों को लेकर चिंतित हैं।

2- NATO ने इसका नाम SS-N-33 रखा है। जिरकान मिसाइल ध्‍वनि की रफ्तार से करीब सात गुना अधिक तेजी से हवा को चीरती हुई दुश्‍मन पर हमला कर सकती है। पिछले वर्ष टेस्‍ट के दौरान ही इस मिसाइल ने 8600 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल की थी। लांच के महज ढाई मिनट बाद ही लक्ष्‍य को भेदने में सफल रही। रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादीमिर पुतिन ने कहा था कि इसके सफल परीक्षण किए जा चुके हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूसी जिरकान हाइपरसोनिक मिसाइल की शक्तियां अब सभी के सामने हैं। रूस की नई बैलिस्टिक मिसाइल न केवल हाइपरसोनिक गति से निशाना लगा सकती है, बल्कि एक विमानवाहक जहाज को भी डुबा सकती है। ये नई मिसाइल बिलकुल चीन में बनी DF-21D और DF-26 मिसाइल से ज्‍यादा खतरनाक हैं।

3- जिरकान की एक बड़ी खासियत ये भी है कि इससे जमीन और पानी पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है। जिरकान हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का डिजाइन काफी कुछ भारत-रूस द्वारा संयुक्‍त रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइल जैसा ही है। हालांकि ब्रह्मोस मिसाइल 8 मैक की गति से दुश्‍मन पर अचूक वार करने में सक्षम है। लान्‍च करने के बाद ये आसमान में करीब 28 किमी तक जा सकती है। यह अपने साथ 300-400 किग्रा वारहैड को ले जा सकती है। इसके अलावा ये परमाणु हमला करने में भी पूरी तरह से सक्षम है। रूस की नौसेना के लिए ये बेहद खास मिसाइल होगी। रूस इसको सबसे पहले युद्धपोत एडमिरल गोर्शकोव में तैनात करेगा।

4-  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मिसाइल को अजेय बताया है। यह एयर-ब्रीदिंग स्क्रैमजेट इंजन द्वारा संचालित होती हैं। ये मिसाइल कथित तौर पर सबसे काबिल अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टमों से बच सकती है। मिसाइल रडार की पकड़ में भी नहीं आती है। इसके पीछे की वजह ये है कि मिसाइल की गति बहुत ज्यादा है। जिसके कारण मिसाइल के सामने उसकी हवा का प्रेशर प्लाजमा क्लाउड बना देता है, जो रेडियो तरंगों को भी पकड़ सकता है। जिसके चलते यह रडार की पकड़ से बाहर हो जाती है।


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