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जिम्बाब्वे में तख्तापलट के बाद अब अगले कदम का इंतजार

वरिष्ठ राजनीतिक सूत्र के मुताबिक, कैथोलिक पादरी फिडेलिस मुकोनोरी मुगाबे और सेना के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 16 Nov 2017 06:18 PM (IST)Updated: Thu, 16 Nov 2017 06:18 PM (IST)
जिम्बाब्वे में तख्तापलट के बाद अब अगले कदम का इंतजार
जिम्बाब्वे में तख्तापलट के बाद अब अगले कदम का इंतजार

हरारे, एपी/रायटर। जिम्बाब्वे में सैन्य तख्तापलट के बाद राजनीतिक उथल-पुथल को शांतिपूर्वक हल करने प्रयास चल रहे हैं। इसके तहत राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे से सम्मानजनक रूप से हट जाने की अपील की गई है। हालांकि सेना का कहना है कि वह इसके लिए राजी नहीं हैं। इस तरह वहां अभी अनिश्चितता बनी हुई है। राजधानी हरारे की सड़कों पर सेना तैनात है जहां स्थिति नियंत्रण में लेकिन तनावपूर्ण है।

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वरिष्ठ राजनीतिक सूत्र के मुताबिक, कैथोलिक पादरी फिडेलिस मुकोनोरी मुगाबे और सेना के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं। इसका मकसद मुगाबे के हटने के बाद पूर्व उपराष्ट्रपति एमर्सन मानगागवा के पक्ष में आसान सत्ता परिवर्तन है। इससे मुगाबे के दशकों के शासन का अंत हो जाएगा। लेकिन खुफिया सूत्र का कहना है कि मुगाबे इस मध्यस्थता का विरोध कर रहे हैं। जिम्बाब्वे में अगले साल चुनाव होने वाला है। बहुत सारे अफ्रीकी लोग उन्हें अब भी आजादी के हीरो के तौर पर देखते हैं।

जबकि पश्चिमी देश उन्हें तानाशाह बताते हैं जिनकी वजह से जिम्बाब्वे की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई। बता दें कि बुधवार को जिम्बाब्वे में सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था। मुगाबे अभी सेना की हिरासत में हैं। देश छोड़कर चले गए बर्खास्त उपराष्ट्रपति मानगागवा अभी कुछ पता नहीं है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, वह सेना और विपक्ष के साथ करीब एक साल से मुगाबे बाद के जिम्बाब्वे की रूपरेखा तैयार कर रहे थे। ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में कैंसर का इलाज करा रहे विपक्षी नेता मॉर्गन स्वानगिराई बुधवार को हरारे पहुंच गए।

इस बीच जिम्बाब्वे के सिविल सोसायटी संगठनों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। करीब 100 सिविल सोसायटी संगठनों ने भी मुगाबे से शांतिपूर्वक हटने की अपील की। उन्होंने सेना से जल्द सामान्य स्थिति और संविधान के सम्मान को बहाल करने को कहा है। श्रम संगठनों से श्रमिकों से अपने काम पर जाने को कहा है। हरारे में लोग रोजमर्रा की तरह काम पर जा रहे हैं। 

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