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जाकिर नाइक बोला- NIA के पास कोई सबूत नहीं, आतंकवाद से नाम जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण

विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने अपने ऊपर राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA)द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को लेकर कहा है कि एजेंसी के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 01:08 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 01:36 PM (IST)
जाकिर नाइक बोला- NIA के पास कोई सबूत नहीं, आतंकवाद से नाम जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण
जाकिर नाइक बोला- NIA के पास कोई सबूत नहीं, आतंकवाद से नाम जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण

क्‍वालालंपुर, एएनआइ। भारत से फरार और मलेशिया में रह रहे विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने अपने ऊपर राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA)द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर बयान दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार जाकिर ने कहा, ' यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एनआइए, जिसने 3 साल से अधिक समय तक मेरी जांच-पड़ताल की है, सार्वजनिक रूप से मुझे आतंकवाद से जोड़ने के दावे कर रही है। एजेंसी के पास इसे लेकर मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।'

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गौरतलब है कि मुंबई में जन्में इस विवादित इस्लामिक उपदेशक साल 2016 में मलेशिया भाग गया था। वो यहां पिछले तीन साल रह रहा है।  मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने का जाकिर पर आरोप हैं।

जाकिर नाइक के भाषण से प्रभावित

एनआइए की जांच में यह बात सामने आई है कि देश भर से गिरफ्तार आइएसआइएस से संबंधित 127 लोगों में से अधिकांश विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाइक के भाषण से प्रभावित हुए। इसी के बाद जाकिर का यह बयान सामने आया है। 

तमिलनाडु से सबसे अधिक गिरफ्तारी

जांच एजेंसी  के आंकड़ों के अनुसार 2014 से अब तक 28 मामलों में गिरफ्तार किए गए 127 लोगों में से सबसे अधिक (33) तमिलनाडु से हैं, 19 उत्तर प्रदेश से, 17 केरल से, 14 तेलंगाना से, महराष्ट्र से 12, कर्नाटक से आठ, दिल्ली से सात,  उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल  से चार  और जम्मू-कश्मीर से तीन लोग गिरफ्तार किए गए।

नवंबर 2014 में पहला मामला सामने आया

जांच एजेंसी ने इसके अलावा राजस्थान और गुजरात से दो और बिहार और मध्य प्रदेश के एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जानकारी अनुसार एजेंसी ने नवंबर 2014 में आइएसआइएस से संबंधित पहला जिहादी आतंकवाद के खिलाफ मामला दर्ज किया था ।

इंटरनेट का कर रहे इस्तेमाल

एनआइए के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के प्रमुखों के एनआइए के राष्ट्रीय सम्मेलन में डेटा साझा करते हुए, जांच एजेंसी के महानिरीक्षक आलोक मित्तल ने कहा कि आतंकवादी उद्देश्यों के लिए आइएसआइएस से संबंधित लोगों द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल कट्टरता फैलाने, प्रशिक्षण, भर्ती जैसी हर आतंकी गतिविधि के लिए बहुत संगठित तरीके से इंटरनेट का इस्तेमाल किया है। आईजी मित्तल ने कहा कि यह हैदराबाद, केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश या दिल्ली में पकड़े गए सभी मॉड्यूलों में ऐसा देखने को मिला है। 


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