यमन सरकार समर्थित सैन्य बलों का हौथी विद्रोहियों के खिलाफ अभियान, 12 व्रिदोहियों की मौत
सुरक्षा बलों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सैन्य इकाइयों ने देश के उत्तर पूर्वी इलाके में हौथी विद्रोहियों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया है। इस अभियान में यमन समर्थित सेना ने 12 विद्रोहियों को मार डाला है। यह इलाका हौथी विद्रोहियों के नियंत्रिण में है।
साना, एजेंसी। यमन सरकार के प्रति वफादार सैन्य बलों ने देश के दक्षिणी प्रांत धालिया में हौथी व्रिदोही समूह के 12 लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा बलों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सैन्य इकाइयों ने देश के उत्तर पूर्वी इलाके में हौथी विद्रोहियों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया है। इस अभियान में यमन समर्थित सेना ने 12 विद्रोहियों को मार डाला है। यह इलाका हौथी विद्रोहियों के नियंत्रिण में है।
गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व यमन के शहर होदीदा में सरकार समर्थक बलों और विद्रोहियों के बीच हुए संघर्ष में 58 लड़ाकों की मौत हुई थी। रात भर चली लड़ाई और हवाई हमलों में 47 विद्रोही मारे गए थे। हवाई हमले सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन ने किए थे, जो सरकार का समर्थन करता है। सूत्रों ने बताया कि इस संघर्ष में 11 सैनिक भी मारे गए थे।अधिकारियों के अनुसार देश के सबसे अहम बंदरगाह वाले शहर होदेदा पर नियंत्रण बनाने के प्रयास में हुई लड़ाई में मरने वालों में दोनों ही तरफ के लोग शामिल थे।
बता दें कि लाल सागर के किनारे बसे होदिदा शहर को यमन की लाइफलाइन कहा जाता है, जहां के बंदरगाह पर ही देश का 90 फीसद से ज्यादा आयात निर्भर है। यमन में 2014 से अशांति चल रही है, जब हौथी विद्रोहियों ने देश के उत्तरी क्षेत्र को अपने कब्जे में लेकर चुनी हुई सरकार को निष्कासित कर दिया था। 2014 के अंत में हौथी विद्रोहियों ने ने राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को निर्वासन में मजबूर कर दिया था। यमन में करीब छह वर्षों से गृहयुद्ध चल रहा है।
सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व में सुन्नी मुस्लिम देशों के गठबंधन ने तब यमन में सैन्य हस्तक्षेप करते हुए सरकार को समर्थन दिया था। तब से चल रहे संघर्ष में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और संयुक्त राष्ट्र के अनुसार करीब 1.4 करोड़ यमन नागरिकों में से आधे से अधिक मानव निर्मित भुखमरी का शिकार होकर मौत के कगार पर हैं। इस संघर्ष के जारी रहने को रियाद और तेहरान बीच तनातनी का नतीजा मा