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WTO Ministerial Conference: डब्ल्यूटीओ में छाया भारत, कई अहम मसलों पर रजामंदी, 9 साल बाद WTO के सम्मेलन में सभी देश किसी समझौते के लिए हुए राजी

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में लगातार 19 घंटे चली मैराथन बैठक के बाद कई मसलों पर फैसले की उम्मीद दिखने लगी। जेनेवा में गुरुवार शाम खबर लिखे जाने तक समझौते का अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा था।

By Piyush KumarEdited By: Published: Fri, 17 Jun 2022 03:03 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jun 2022 03:03 AM (IST)
WTO Ministerial Conference: डब्ल्यूटीओ में छाया भारत, कई अहम मसलों पर रजामंदी, 9 साल बाद WTO के सम्मेलन में सभी देश किसी समझौते के लिए हुए राजी
भारत ने कई अहम समझौते के लिए 164 सदस्य देशों को राजी कर लिया। (फाइल फोटो)

राजीव कुमार, जेनेवा। विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारत ने विकासशील और कम विकसित देशों का नेतृत्व करते हुए कई अहम समझौते के लिए 164 सदस्य देशों को राजी कर लिया। बुधवार शाम तक सम्मेलन में मायूसी छा गई थी और किसी फैसले की उम्मीद नहीं की जा रही थी, लेकिन भारत ने अपना दमखम दिखाते हुए कोरोना वैक्सीन के पेटेंट में छूट से लेकर फिशरीज में सब्सिडी जारी रखने के मसले पर दुनिया को एकमत कर लिया। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में लगातार 19 घंटे चली मैराथन बैठक के बाद कई मसलों पर फैसले की उम्मीद दिखने लगी। जेनेवा में गुरुवार शाम खबर लिखे जाने तक समझौते का अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा था। नौ साल के बाद डब्ल्यूटीओ के सम्मेलन में सभी देश किसी समझौते के लिए राजी हुए हैं।

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अगले पांच साल के लिए पेटेंट में छूट दी गई

एक भी देश के मना करने पर समझौता अटक सकता है। पिछले डेढ़ साल से भारत और दक्षिणी अफ्रीका कोरोना वैक्सीन बनाने के पेटेंट में छूट चाहते थे ताकि कंप्लसरी लाइसेंसिंग नियम के तहत कोई भी देश वैक्सीन का निर्माण कर सके और दुनिया को इस महामारी से उबारा जा सके। इस मांग पर सभी देश समझौते के लिए तैयार हो गए। अब कोई भी देश बिना उस कंपनी की इजाजत के कंप्लसरी लाइसेंसिंग के तहत ना केवल वैक्सीन का उत्पादन कर सकेगा बल्कि उसे निर्यात भी कर सकेगा। अगले पांच साल के लिए पेटेंट में छूट दी गई है। इससे भारत को फायदा यह होगा कि देश की वैक्सीन कंपनियां दूसरे देशों में जाकर वैक्सीन बना सकेंगी और दुनिया के वंचित देशों को आसानी से सस्ते दाम पर वैक्सीन उपलब्ध हो सकेंगी।

फिशरीज पर जारी रहेगी सब्सिडी

विकसित देश मछली पकड़ने के मामले में मछुआरों को दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने के पक्ष में थे, लेकिन भारत अपने मछुआरों को दी जाने वाली सब्सिडी जारी रखना चाहता था। सम्मेलन में मछुआरों को दी जाने वाली सब्सिडी के मसौदे से हटा दिया गया। इसका मतलब यह है कि मछुआरों को दी जाने वाली सब्सिडी जारी रहेगी।

समझौते में खोल रखा है निर्यात पर प्रतिबंध का रास्ता

भारत विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत अनाज का निर्यात करेगा, लेकिन भारत ने जरूरत पड़ने पर अपनी खाद्य सुरक्षा के लिए निर्यात पर प्रतिबंध का रास्ता समझौते में खोल रखा है। भारत ने समझौते के दौरान यह भी कहा कि पब्लिक स्टाक होल्डिंग (पीएसएच) पर स्थायी समझौता नहीं होने तक कृषि से जुड़े किसी मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी। मतलब भारतीय किसानों को सब्सिडी जारी रहेगी और अनाज का सरकारी भंडारण भी होता रहेगा, क्योंकि पहले के पीस क्लाज के तहत इसकी इजाजत है। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इलेक्ट्रानिक माध्यम से मंगाई जाने वाली वस्तुओं पर शुल्क छूट जारी रहेगी

इलेक्ट्रानिक माध्यम से मंगाई जाने वाली मूवी, किताब और अन्य इस प्रकार की चीजों पर भारत सीमा शुल्क लगाना चाहता है जबकि डब्ल्यूटीओ के पुराने समझौते के तहत दुनियाभर में इलेक्ट्रानिक ट्रांजेक्शन पर सीमा शुल्क से छूट पर सहमति है। भारत इस छूट को समाप्त करना चाहता था। समझौते के तहत यह सहमति बनी कि अगले साल दिसंबर तक छूट जारी रहेगी।

कार्यशैली में सुधार को सभी देश एकमत

भारत के प्रयास से डब्ल्यूटीओ की कार्यशैली में सुधार के लिए सभी देश एकमत हो गए। पहले कुछ देश आपस में सहमति बनाकर उस फैसले को डब्ल्यूटीओ के देशों पर थोप देते थे, अब ऐसा नहीं हो पाएगा। किसी भी फैसले के लिए जनरल काउंसिल की मंजूरी लेनी पड़ेगी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल दुनिया को बांटने वाले मुद्दों पर हमने समाधान निकालने में अग्रणी भूमिका निभाई है। दुनिया के सभी देशों ने सकारात्मक तरीके से अपना काम किया। भारत समझता है कि यह अब तक सबसे सफल सम्मेलन रहा।-


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