बांग्लादेश में डेंगू का कहर, 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए, अब-तक 40 की मौत
बांग्लादेश में डेंगू का प्रकोप जारी है। इससे लगभग 40 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों के अनुसार जनवरी से अब-तक पूरे देश में 50 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
ढाका, आइएएनएस। बांग्लादेश में डेंगू का प्रकोप जारी है। इससे लगभग 40 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों के अनुसार जनवरी से अब-तक पूरे देश में 50 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। देश में यह संख्या किसी भी वर्ष की तुलना में पांच गुना अधिक है।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के अनुसार डेंगू एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है, जो फ्लू जैसी बीमारी का कारण बनता है। इसके लक्षणों में सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और शरीर पर चकत्ते शामिल हैं। यह जनलेवा बीमारी मुख्य रूप से एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से होता।
आधिकारिक आंकड़ें
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल बीमारी के कुल 51,476 मामले सामने आए हैं। इस महीने 17 अगस्त तक 33,015, जबकि जुलाई में 16,253 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें शनिवार को सुबह 8 बजे तक इसके 1,460 नए मरीज शामिल हैं।
2018 का रिकॉर्ड तोड़ा
इससे पहले बांग्लादेश में एक ही वर्ष में डेंगू के सबसे अधिक मामले 2018 में 10,148 दर्ज किए गए थे। बांग्लादेश के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी अब्दुर रशीद ने कहा कि प्रभावित रोगियों में से 7,864 मरीज देश भर के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी भर्ती हैं, जबकि लगभग 85 प्रतिशत रोगियों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि डेंगू से जिन 40 लोगों की मौत हुई है उनमें से 39 राजधानी ढाका से हैं।
सितंबर में चरम पर होता है डेंगू
डेंगू पिछले कुछ वर्षों में सितंबर में चरम पर होता था। ऐसे में आने वाले दिन में इसमें और बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है, लेकिन अधिकारियों को उम्मीद है कि मजबूत नियंत्रण उपायों के बाद से मामलों में धीरे-धीरे कम हो जाएगी। स्थिति अब स्थिर है। यह बंद नहीं हुआ, लेकिन यह भयावह भी नहीं हो रहा है। इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी, रोग नियंत्रण और अनुसंधान की निदेशक मीरजादी सबरीना फ्लोरा ने कहा कि यदि नियंत्रण उपायों को जारी रखा जाता है तो सितंबर तक स्थिति समान्य हो जाएगी।
ग्लोबल वार्मिंग है वजह
फ्लोरा ने बताया कि इस साल डेंगू के मामलों में ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बढ़ोतरी देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि बारिश के स्वरूप (Rain Pattern) में बदलाव को देखने को मिला है। यह एक वैश्विक समस्या का हिस्सा है। कुल मिलाकर यह जलवायु परिवर्तन का एक प्रभाव है।