दुनिया का सबसे ऊंचा मौसम केंद्र माउंट एवरेस्ट पर स्थापित, तापमान और हवा की गति संबंधी घटनाओं की देगा जानकारी
अमेरिका में एपलाचियन स्टेट यूनिवर्सिटी के जलवायु वैज्ञानिक बेकर पेरी के नेतृत्व में इस टीम में पर्वतारोही और वैज्ञानिक शामिल थे। द हिमालयन टाइम्स ने बताया कि टीम ने नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में एक महीना बिताया और साउथ कर्नल के एक स्टेशन सहित अन्य स्टेशनों का रखरखाव भी किया।
काठमांडू, प्रेट्र। माउंट एवरेस्ट पर दुनिया का सबसे ऊंचा मौसम केंद्र स्थापित किया गया है। नेशनल ज्योग्राफिक सोसायटी के विशेषज्ञों की एक टीम ने 8,830 मीटर की ऊंचाई पर यह केंद्र स्थापित किया है। नेपाली मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
नेपाल के जल विज्ञान और मौसम विज्ञान विभाग (DHM) ने कहा कि स्वचालित मौसम स्टेशन पिछले सप्ताह शिखर बिंदु (8,848.86 मीटर) से कुछ मीटर नीचे स्थापित किया गया। सौर ऊर्जा द्वारा संचालित मौसम निगरानी प्रणाली केंद्र तापमान, हवा की गति और दिशा, वायुदाब, बर्फ की सतह की ऊंचाई में परिवर्तन जैसी विभिन्न मौसम संबंधी घटनाओं की जानकारी देगा।
अमेरिका में एपलाचियन स्टेट यूनिवर्सिटी के जलवायु वैज्ञानिक बेकर पेरी के नेतृत्व में इस टीम में पर्वतारोही और वैज्ञानिक शामिल थे। द हिमालयन टाइम्स ने बताया कि टीम ने नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में एक महीना बिताया और साउथ कर्नल के एक स्टेशन सहित अन्य स्टेशनों का रखरखाव भी किया।
बीजिंग में माउंट एवरेस्ट पर 5,200 मीटर से 8,800 मीटर तक हैं आठ स्टेशन
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने भी एवरेस्ट के उत्तरी हिस्से में 8,800 मीटर की ऊंचाई पर एक स्वचालित मौसम निगरानी प्रणाली स्थापित की थी। चीनी मीडिया रिपोटरें के अनुसार, बीजिंग में माउंट एवरेस्ट पर 5,200 मीटर से 8,800 मीटर तक आठ स्टेशन हैं, जिसमें 7,000 मीटर से अधिक 7,028 मीटर, 7,790 मीटर, 8,300 मीटर और 8,800 मीटर पर चार स्टेशन हैं।
डीएचएम और नेशनल ज्योग्राफिक ने पहाड़ की स्थितियों के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए नेटजियो द्वारा स्थापित सभी पांच स्वचालित मौसम स्टेशनों को संचालित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। रिपोर्ट में कहा गया कि एमओयू के तहत 2026 में नेपाल सरकार को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने से पहले नेशनल ज्योग्राफिक टीम 2025 तक स्टेशनों का पूरी तरह से संचालन करेगी। डीएचएम अधिकारियों के अनुसार टीम मिशन पूरा करके काठमांडू लौट आई।