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पहली बार तालिबान के शांति वार्ता दल का हिस्सा बनेंगी महिलाएं

महिलाओं पर अपने सख्त रवैये को लेकर कुख्यात रहे आंतकी संगठन तालिबान के रुख में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 09:12 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 09:13 PM (IST)
पहली बार तालिबान के शांति वार्ता दल का हिस्सा बनेंगी महिलाएं
पहली बार तालिबान के शांति वार्ता दल का हिस्सा बनेंगी महिलाएं

काबुल, रायटर।  महिलाओं पर अपने सख्त रवैये को लेकर कुख्यात रहे आंतकी संगठन तालिबान के रुख में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। वह पहली बार अपने शांति वार्ता दल में महिलाओं को शामिल करने जा रहा है। यह दल कतर की राजधानी दोहा में 19 से 21 अप्रैल तक होने वाली अफगान शांति वार्ता में तालिबान का प्रतिनिधित्व करेगा।

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तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार को कहा, 'दोहा में होने वाली बैठक में तालिबान के प्रतिनिधिमंडल में महिलाएं भी होंगी।' उन्होंने हालांकि महिलाओं के नामों का जिक्र नहीं किया, लेकिन कहा, 'इन महिलाओं का तालिबान के वरिष्ठ सदस्यों से कोई पारिवारिक संबंध नहीं है। वे आम अफगान नागरिक हैं।' जबीहुल्ला ने एक ट्वीट के जरिये यह भी स्पष्ट किया कि ये महिलाएं सिर्फ अफगान सिविल सोसायटी और सियासी प्रतिनिधियों के साथ होने वाली वार्ता में हिस्सा लेंगी। वे अमेरिकी अधिकारियों के साथ होने वाली मुख्य बातचीत में शामिल नहीं होंगी।

वार्ता में ये होंगे शामिल
तालिबान के साथ होने वाली वार्ता में विपक्षी नेताओं समेत अफगानिस्तान की कई नामचीन हस्तियां और सिविल सोसायटी के लोग शामिल होंगे। इसी तरह की एक वार्ता गत फरवरी में रूस में भी हुई थी। उसमें अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई समेत कई नेताओं ने हिस्सा लिया था।

अमेरिका-तालिबान में कई दौर की हो चुकी है बातचीत
अफगानिस्तान में 18 साल से जारी संघर्ष समाप्त करने के प्रयासों के तहत पिछले कई माह में तालिबान और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडलों के बीच दोहा में कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इस वार्ता में विशेष दूत जालमे खलीलजाद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। दोनों पक्षों में नए दौर की वार्ता के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है।

सुरक्षा परिषद ने की तालिबान के फरमान की निंदा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान में हमले शुरू करने के तालिबान के फरमान की निंदा की है। 15 सदस्यीय परिषद ने कहा है कि इससे अफगान लोगों की मुसीबत बढ़ेगी और बर्बादी होगी।


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