China Zero Covid Policy: चीन में राष्ट्रपति चिनफिंग के खिलाफ क्यों उठी आवाज? जानें क्या है जीरो कोविड नीति
China Zero Covid Policy लाकडाउन के विरोध में सबसे पहले प्रदर्शन बीजिंग से शुरू हुआ। यह विरोध चीन के कई शहरों में फैल गया। चीन के पश्चिम में शिनजियांग से लेकर मध्य चीन में झेनझाऊ और दक्षिण में चोंगकिंग तक फैल गया। कई शहरों में प्रदर्शन उग्र हो गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। China Zero Covid Policy: चीन में जीरो कोविड पालिसी और लाकडाउन की वजह से प्रदर्शन हो रहे हैं। इससे चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की नींद उड़ गई है। चिनफिंग के कार्यकाल का यह सबसे बड़ा प्रदर्शन है, जिसमें जनता सरकार के फैसले के विरोध में सड़कों पर उतर आई है। पिछले तीन दशकों में चीन में यह सबसे बड़ा प्रदर्शन है। चीन में इस प्रदर्शन से 1989 में हुए तियानमेन स्क्वायर प्रदर्शन की यादें ताजा हो गईं हैं।
बीजिंग से शुरू हुआ आंदोलन की चिंगारी कई शहरों तक पहुंची
1- लाकडाउन के विरोध में सबसे पहले प्रदर्शन बीजिंग से शुरू हुआ। इसके बाद यह विरोध चीन के कई शहरों में फैल गया। चीन के पश्चिम में शिनजियांग से लेकर मध्य चीन में झेनझाऊ और दक्षिण में चोंगकिंग और गुआंगडांग तक फैल गया। चीन के कई शहरों में प्रदर्शन काफी उग्र हो गया है।
इसका अंदजा इस बात से लगया जा सकता है कि अब प्रदर्शन की आंच राष्ट्रपति शी चिनफिंग तक पहुंच रही है। प्रदर्शनकारी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के हाथों में मोमबत्तियां और तख्तियां है। हजारों की संख्या में लोग अपने मोबाइल फोन से तस्वीरें खींच कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं।
2- चीन में कम्युनिस्ट सरकार जीरो कोविड पालिसी लेकर आई है। इसके तहत लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चीन में लाखों लोग घरों में कैद हैं। चीन में कठोर लाकडाउन के तहत लोगों को यातनाएं दी जा रही है। चीन में सामूहिक परीक्षण के लिए लोगों को बाध्य किया जा रहा है।
3- इस दौरान शंघाई, नानजिंग और गुआंगजौ में प्रदर्शन हिंसात्मक हो गया। कई जगहों पर स्थानीय पुलिसकर्मियों एवं प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प देखी गई है। 2.6 करोड़ की आबादी वाले शंघाई में स्थिति बेहद नाजुक है। वहां स्थितियां बेकाबू है। प्रदर्शनकारी चिनफिंग के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रदर्शन के वीडियो आ रहे हैं। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि शंघाई में लगातार तीसरे दिन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
4- चीन में प्रदर्शनकारी काफी आक्रामक हो गए हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदर्शनकारी पुलिस पर हमला कर रहे हैं। यहां पर 300 लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने काली मिर्च का स्प्ने तक यूज किया है। यहां पर जनता नारे लगा रही थी, चिनफिंग गद्दी छोड़ो, कम्युनिस्ट पार्टी गद्दी छोड़ो।' इसके साथ ही लोग चिल्ला रहे थे चीन को अनलाक करो,' प्रेस की आजादी चाहिए।
क्या है जीरो कोविड नीति
वर्ष 2020 में कोरोना महामारी ने दुनिया के कई देशों को शिकार बनाना शुरू कर दिया। उस वक्त चीन पर लापरवाही बरतने और वुहान को लाक नहीं करने के आरोप लगे। उस वक्त चीन को शर्मिंदगी से बचाने के लिए चिनफिंग ने जीरो कोविड नीति लांच की थी। इसके तहत बड़े पैमाने पर टेस्टिंग की गई। चीन में कठोर आइसोलेशन नियम लगाए गए। चीन में यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया। चीन का मानना है कि जब तक कोरोना वायरस का एक भी मामला रहेगा, यह नीति लागू रहेगी। चिनफिंग सरकार की मानें तो यह नीति पूरी तरह से विज्ञान के नियमों पर आधारित है।
चीन में प्रदर्शन को लेकर पश्चिमी देशों में सियासत शुरू
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चीन के लाकडाउन के बारे में कथित रूप से असंतोष फैलाने के लिए पश्चिमी मीडिया पर निशाना साधा है। इसमें कहा गया है कि वैचारिक मतभेदों के कारण यह पश्चिमी देशों और साम्यवादी सरकारों की निंदा करने की प्रवृत्ति बन गई है। अखबार में कहा गया है कि चीन में इससे पहले भी प्रदर्शन हुए हैं। इसमें कहा गया है कि पिछले हफ्ते चीन के शहर झेग्झौ में दुनिया की सबसे बड़ी आईफोन फैक्ट्री में विरोध प्रदर्शन हुआ है। अखबार में आगे कहा गया है कि प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थी।