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कोरोना वायरस का नया स्‍ट्रेन विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के लिए बना चिंता का सबब, जारी की चेतावनी

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने यूरोप में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए चेतावनी जारी की है। साथ ही अपील की है कि इसके नए स्‍ट्रेन पर काबू पाने के लिए पहले से अधिक तेजी से काम करने की जरूरत है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 02:10 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 02:10 PM (IST)
कोरोना वायरस का नया स्‍ट्रेन विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के लिए बना चिंता का सबब, जारी की चेतावनी
कोरोना से लड़ाई के लिए पूरी दुनिया में एक साझा मोर्चा बनाना होगा।

संयुक्‍त राष्‍ट्र (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) यूरोपीय देशों में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के नए प्रकार के संक्रमण पर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने गहरी चिंता व्‍यक्‍त की है। संगठन की तरफ से इसको लेकर चेतावनी भी जारी की गई है। संगठन की तरफ से कहा गया है कि कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए सभी एहतियाती उपायों को सख्‍ती से लागू किए जाने की जरूरत है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के यूरोपीय क्षेत्र के डायरेक्‍टर डॉक्‍टर हैंस क्लुगे ने कोपेनहागेन में इस संबंध में एक वर्चुअल प्रैस वार्ता को भी संबोधित किया है। उन्‍होंने इस दौरान कहा कि डब्‍ल्‍यूएचओ मौजूदा वर्ष की शुरुआत में चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अब हमारे पास पहले से ज्‍यादा कारगर हथियार मौजूद हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि अब हम वायरस को लेकर पूरी तरह से अंजान भी नहीं रहे हैं। अब हम इसके बारे में काफी कुछ जानकारी रखते हैं। हालांकि उन्‍होंने माना कि पूरी दुनिया से ये संकट अब तक खत्‍म नहीं हुआ है। दुनिया के कई देश इसकी चपेट में अब भी हैं और बाहर आने की कोशिश कर रहे हैं। उन्‍होंने मौजूदा समय को इस लड़ाई के लिए काफी अहम बताया है।

क्‍लुगे ने इस बात पर भी जोर दिया है कि कोरोना से लड़ाई के लिए पूरी दुनिया में एक साझा मोर्चा बनाना होगा। इसमें विज्ञान, तकनीक, राजनीति का मेल होगा जो पूरी दुनिया को इस चुनौती से लड़ने और इससे बाहर निकलने में हमारी मदद करेगा। आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय ने वर्ष 2020 में अकेले यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण के दो करोड़ 60 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि की थी। संगठन के मुताबिक इतने अधिक मामलों से यूरोप के अंदर आने वाले देशों की स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली पर बोझ काफी अधिक हो गया है। इनसे निपटने की चुनौती कहीं से भी कम नहीं है। संगठन के मुताबिक वर्तमान में भी 23 करोड़ लोग उन देशों में हैं जहां पर अब भी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू है। वहीं आने वाले दिनों में जिस तरह से कोरोना का नया प्रकार अपने पांव पसार रहा है तो कुछ अन्‍य देशों में भी लॉकडाउन लागू किया जा सकता है।

डॉक्टर क्लूगे ने माना कि बीते कुछ समय में पूरी दुनिया में जिस तरह से फेस्टिवल सीजन रहा उसमें कोरोना के एहतियाती उपायों को सख्‍ती से लागू करना काफी चुनौती का काम रहा है। कई जगहों पर ऐसा हो ही नहीं पाया। हालांकि इस दौरान इस तरह की लापरवाही की वजह से मामलों में कितना इजाफा हुआ है इसके आंकड़े अभी सामने नहीं आ सके हैं। उनके मुताबिक कोरोना वायरस का नया रूप पहले के मुकाबले अधिक तेजी से फैलता है। इस नए स्‍ट्रेन के मामले अब तक कई देशों में सामने आ चुके हैं। उनका मानना है कि वायरस का ये नया प्रकार सभी के लिए चिंता का विषय है। हालांकि इसकी गंभीरता को लेकर पूरी दुनिया में शोध चल रहा है। डब्‍ल्‍यूएचओ के मुताबिक ये सभी वर्गों में फैल सकता है लेकिन बच्‍चों के लिए ये ज्‍यादा खतरनाक है। डाक्‍टर क्‍लुगे के मुताबिक वायरस का नया प्रकार, समय बीतने के साथ अन्‍य रूप में भी सामने आ सकता है।

डब्‍ल्‍यूएचओ ने अपनी सिफारिशों में संक्रमण के मामलों की तेजी से जांच करने, अनपेक्षित बीमारियों का पता लगाने और उनकी समीक्षा करने पर जोर दिया है। साथ ही ये भी कहा गया है कि इससे मिले आंकड़ां को दूसरे देशों और संगठनों के साथ साझा भी किया जाए। संगठन का कहना है कि यह एक चिंताजनक स्थिति है। लिहाजा पहले से अधिक तेजी से काम करने की जरूरत है। इस दौरान डब्‍ल्‍यूएचओ ने लोगों से भी अपील की है कि वो सभी जरूरी एहतियात बरतें जिससे वो खुद सुरक्षित रह सकें और दूसरों को भी सुरक्षित रख सकें।


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