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संक्रमित लोगों का पता लगाए बिना Covid-19 पर काबू पाने में किसी को नहीं मिलेगी सफलता- WHO

WHO महानिदेशक ने कहा है कि आदिवासी लोगों को अक्सर निर्धनता बेरोज़गारी कुपोषण गैर-संचारी रोगों से दो-चार होना पड़ता है। इसकी वजह से भ्‍ज्ञी उन्हें कोविड-19 और उसके गम्भीर नतीजों का खतरा ज्‍यादा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 10:44 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 10:44 PM (IST)
संक्रमित लोगों का पता लगाए बिना Covid-19 पर काबू पाने में किसी को नहीं मिलेगी सफलता- WHO
संक्रमित लोगों का पता लगाए बिना Covid-19 पर काबू पाने में किसी को नहीं मिलेगी सफलता- WHO

संयुक्‍त राष्‍ट्र। कोरोना संकट से जुझ रही दुनिया को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर चेताया है। इस बार ये चेतावनी आदिवासियों पर पड़ने वाले असर को लेकर दी गई है। इसमें कहा गया है कि विश्व के निर्धनतम और निर्बलतम लोगों के लिये इस कोविड-19 महामारी का जोखिम ज्‍यादा है। संगठन के महानिदेशक वायरस टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस के मुताबिक इससे सबसे अधिक प्रभावितों में आदिवासी समुदाय, विशेषत: अमेरिका क्षेत्र के आदिवासी लोग भी हैं। उन्‍होंने कहा कि यहां अब यह महामारी तेजी पकड़ रही है। उन्‍होंने कहा कि 6 जुलाई तक अमेरिका क्षेत्र में 70 हजारर आदिवासी लोगों के संक्रमित होने और दो हजार से अधिक लोगों की मौतें होने की पुष्टि हो चुकी है।

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डब्‍लयूएचओ के मुताबिक सोमवार तक दुनिया भर में कोविड-19 से एक करोड़ 43 लाख लोग संक्रमित हो चुके थे और छह लाख से ज्‍यादा लोगों की जान जा चुकी है। संगठन ने आदिवासियों पर दी गई अपनी रिपोर्ट में कहा कि 90 से अधिक देशों में 50 करोड़ से अधिक आदिवासी रहते हैं जिनकी अपनी संस्कृति, भाषा और पर्यावरण के साथ गहरा नाता है। लेकिन इन्‍हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इस पर भी चिंता जताई है कि इनके पास राजनीतिक प्रतिनिधित्व का अभाव है, वे आर्थिक हाशिये पर रहते हैं और स्वास्थ्य, शिक्षा व सामाजिक सेवाओं तक उनकी पहुंच नहीं है।

महानिदेशक घेबरेयेसस ने जोर देकर कहा कि आदिवासी लोगों को अक्सर निर्धनता, बेरोज़गारी, कुपोषण, संचारी व गैर-संचारी रोगों से दो-चार होना पड़ता है। इसकी वजह से भ्‍ज्ञी उन्हें कोविड-19 और उसके गम्भीर नतीजों का खतरा ज्‍यादा है। इसको देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के अमेरिकी क्षेत्रीय कार्यालय ने आदिवासी जनता में कोविड-19 के ऐहतियाती उपायों के लिये दिशानिर्देश जारी किये हैं। इसके अलावा अमेजोन नदी के बेसिन में आदिवासी संगठनों के समन्यवक के साथ मिलकर काम किया जा रहा है ताकि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का दायरा और स्तर बढ़ाए जा सकें। संगठन के महानिदेशक का कहना है कि आदिवासी समुदायों और सभी समुदायों में संक्रमण पर क़ाबू पाने के अहम उपायों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग यानि संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए लोगों की खोज करनी होगी। किसी भी देश को संक्रमित लोगों का पता लगाए बिना इस महामारी पर काबू पाने में सफलता नहीं मिल सकती। उन्होंने दोहराया कि तालाबन्दी व अन्य उपायों से बीमारी का फैलाव कम किया जा सकता है लेकिन पूरी तरह नहीं रोका जा सकता।


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