PM मोदी की राह पर अब डब्ल्यूएचओ, 'जान भी और जहान भी' की वकालत
कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनियाभर में पांच करोड़ 40 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 13 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 210 से ज्यादा देशों में कोरोना संक्रमण फैल चुका है।
जेनेवा, एजेंसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस की चुनौती जिंदगी और आजीविका के बीच चुनाव नहीं है, बल्कि ये दोनों एक ही लड़ाई के हिस्से हैं। इसने कहा कि संभावित वैक्सीन को लेकर सकारात्मक खबरों के बावजूद यह समय कोरोना वायरस से लड़ाई में आत्मसंतुष्ट होने का नहीं है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल अप्रैल में जान भी और जहान भी पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि दोनों की चिंता जरूरी है। अब डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने भी इसकी वकालत की है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहैनम घेब्रेयेसस ने जेनेवा में वर्चुअल ब्रीफिंग के दौरान कहा कि वायरस को हराने का सबसे आसान तरीका अर्थव्यवस्था को खोलना है।
उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के अंत में जी-20 देशों के नेता बैठक करेंगे। उनके सामने कोवैक्स को आर्थिक और राजनीतिक रूप से समर्थन देने का अवसर होगा, ताकि गरीब देशों को कोरोना का टीका उपलब्ध कराया जा सके। विभिन्न कंपनियों ने अपनी वैक्सीन के उत्साहजनक नतीजों की खबरें दी हैं। लेकिन, टेड्रोस ने चेतावनी दी है कि लोगों को आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इससे हम बहुत चिंतित हैं। खासकर यूरोप और अमेरिका में स्वास्थ्य व्यवस्था के चरमराने की आशंका है। रायटर की टैली के अनुसार, दुनियाभर में पांच करोड़ 40 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और 13 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले साल दिसंबर में पहला मामला सामने आने के बाद 210 से ज्यादा देशों में कोरोना संक्रमण फैल चुका है।