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कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर डब्ल्यूएचओ की बैठक, जानें- वैज्ञानिक इसे लेकर क्यों हैं चिंतित ?

दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ( B.1.1.1.529) ने चिंता बढ़ा दी है। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सलाहकारों ने शुक्रवार को बैठक की। हालांकि फिलहाल यह नहीं बताया जा सकता कि कोरोना के टीके इस वैरिएंट पर प्रभावी हैं या नहीं।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 06:17 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 07:14 PM (IST)
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर डब्ल्यूएचओ की बैठक, जानें- वैज्ञानिक इसे लेकर क्यों हैं चिंतित ?
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर डब्ल्यूएचओ की बैठक। (फोटो- एएनआइ)

जेनेवा, एपी। दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ( B.1.1.1.529) ने चिंता बढ़ा दी है। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सलाहकारों ने शुक्रवार को बैठक की। हालांकि, एक शीर्ष विशेषज्ञ के अनुसार फिलहाल यह नहीं बताया जा सकता कि कोरोना के टीके इस वैरिएंट पर प्रभावी हैं या नहीं। संगठन का तकनीकी सलाहकार समूह इसे लेकर वर्चुअली बैठक कर रहा है। यह वैरिएंट डेल्टा से भी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। ऐसे में यूरोपियन यूनियन समेत दुनियाभर के कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाले विमानों पर रोक लगा दी है। 

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क्या है चिंता की बात

बैठक में समूह यह फैसला लेगा कि इस नए वैरिएंट को 'वैरिएंट आफ कंसर्न' या वैरिएंट आफ इंट्रेस्ट में से कौन सी श्रेणी में रखा जाए। डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने गुरुवार को एक सोशल-मीडिया चैट में कहा कि हम अभी इस बारे में बहुत कुछ नहीं जानते हैं। हम जो जानते हैं वह यह है कि इस वैरिएंट में बड़ी संख्या में म्यूटेशन हुआ है और चिंता की बात यह है कि जब म्यूटेशन ज्यादा होता है, तो यह वायरस के व्यवहार पर प्रभाव डाल सकता है। वैरिएंट के 100 से कम पूर्ण जीनोम सिक्वेंसिंग अब तक उपलब्ध हैं।

कोरोना के इस नए वैरिएंट पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी

मारिया वान केरखोव ने आगे कहा, 'हमें यह समझने में कुछ सप्ताह लगेंगे कि इस वैरिएंट का कोरोना के किसी टीके पर क्या प्रभाव पड़ता है? नई दिल्ली में इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी के निदेशक डा. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि अभी कोरोना के इस नए वैरिएंट पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि पहले से उपलब्ध जानकारी के अलावा कुछ भी कहने से के लिए और अधिक डेटा की आवश्यकता होगी।

दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों को म्यूटेशन के बार में पता चला

दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने इस सप्ताह कोरोना वायरस के एक नए वैरिएंट के बारे में जानकारी दी। उनका कहना है कि देश के सबसे अधिक  आबादी वाले प्रांत गौतेंग में हाल ही में कोरोना के मामलों में वृद्धि इसी के कारण देखी गई है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि नया वैरिएंट वास्तव में कहां से आया है, लेकिन इसके बारे में सबसे पहली बार दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों को पता चला था। हांगकांग और बोत्सवाना के यात्री इससे संक्रमित पाए गए हैं।

दक्षिण अफ्रीका में मामलों में तेजी से इजाफा

स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मामलों में तेजी से वृद्धि का कारण यह वैरिएंट है। हालांकि, विशेषज्ञ अभी भी यह निर्धारित करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह नया वैरिएंट वास्तव में इसके लिए जिम्मेदार है? दक्षिण अफ्रीका में हाल के सप्ताहों में प्रति दिन केवल 200 से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे। इसके बाद बुधवार को नए द मामलों की संख्या 1,200 से अधिक रही। इसके एक दिन बाद यह आंकड़ा 2,465 तक पहुंच गया।

ऐसे मिली जानकारी 

मामलों में अचानक वृद्धि का कारण जानने के लिए वैज्ञानिकों ने वायरस के नमूनों का अध्ययन किया। इसके बाद ही इस नए वैरिएंट के बार में जानकारी मिली। दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने कहा कि अभी तक इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि इस वैरिएंट के कारण अधिक गंभीर या असामान्य बीमारी होती है। अन्य वैरिएंट की तरह कुछ संक्रमित लोगों में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं।


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