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WHO ने कहा, कोरोना के प्रकोप के बारे में कुछ भी भविष्‍यवाणी करना जल्‍दबाजी, जानें क्‍या कहते हैं आंकड़े

World Health Organization यानी WHO ने कहा है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर कुछ भी भविष्‍यवाणी करना जल्‍दबाजी होगी। जानें क्‍या कहते हैं आंकड़े...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 06:47 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 06:47 PM (IST)
WHO ने कहा, कोरोना के प्रकोप के बारे में कुछ भी भविष्‍यवाणी करना जल्‍दबाजी, जानें क्‍या कहते हैं आंकड़े
WHO ने कहा, कोरोना के प्रकोप के बारे में कुछ भी भविष्‍यवाणी करना जल्‍दबाजी, जानें क्‍या कहते हैं आंकड़े

वियना, रॉयटर। कोरोना वायरस का कोई भी स्‍पष्‍ट लिंक महामारी विज्ञान (Epidemiological) से नहीं जुड़ता दिखाई दे रहा है। फ‍िर भी वायरस से संक्रम‍ित मरीजों की संख्‍या में तेजी से इजाफा हो रहा है। भले ही चीन से बाहर दूसरे मुल्‍कों में संक्रमित मरीजों की संख्‍या कम हो लेकिन वायरस के खतरे को लेकर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (World Health Organization, WHO) ने चिंता जताई है। डब्‍ल्‍यूएचओ के प्रमुख तेदरोस अदहानोम गेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने दोहराया कि ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें मरीज कभी भी चीन नहीं गया है ना तो वह किसी संक्रमित व्‍यक्ति के साथ रहा है फ‍िर भी उसमें कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। यही कारण है कि इसके प्रकोप के बारे में कुछ भी भविष्‍यवाणी करना जल्‍दबाजी होगी।

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गेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने बताया कि चीन ने WHO से कोरोना वायरस के 75,569 मामलों की जानकारी साझा की है। इनमें वायरस के चलते हुईं 2,239 मौतों का आंकड़ा भी शामिल है। अभी तक के जो आंकड़े मिले हैं उनके मुताबिक, कोरोना वायरस से संक्रमण के 80 फीसद मामलों में बीमारी हल्‍की (mild) रहती है। आंकड़े बताते हैं कि संक्रमण के केवल दो फ‍ीसद मामलों में ही मौत होती है जबकि 20 फीसद केस क्रिटिकल स्‍तर तक पहुंचते हैं। बुजुर्गों और बच्‍चों में कोरोना वायरस से मौत का खतरा ज्‍यादा होता है।

डब्‍ल्‍यूएचओ के प्रमुख गेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने बताया कि चीन के बाहर 26 देशों में इस वायरस के संक्रमण के 1,200 मामले सामने आए हैं जिनमें आठ मौतें भी शामिल हैं। मिस्र में कोरोना वायरस के एक मामले की पुष्टि हुई है। उन्‍होंने कहा कि चीन में वायरस के संक्रमण में आंकड़ों में आई गिरावट एक अच्‍छी खबर है लेकिन इस वायरस के प्रकोप के बारे में कुछ भी भविष्‍यवाणी करना जल्‍दबाजी होगी। हमारी सबसे बड़ी चिंता कोरोना वायरस के कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली वाले देशों में फैलने को लेकर है। यही वजह है कि WHO ने इन देशों के लिए 675 मिल‍ियन डॉलर की मदद का आह्वान किया है। उन्‍होंने बताया कि डब्‍ल्‍यूएचओ की अगुवाई वाली विशेषज्ञों की इंटरनेशनल टीम चीन में पिछले हफ्ते से काम कर रही है। 


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