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दुनिया को अगले साल के मध्य में उपलब्ध होगी कोरोना की वैक्सीन, WHO की चीफ साइंटिस्ट ने जताई उम्मीद

डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि दुनियाभर में कई टीके अपने तीसरे चरण के ट्रायल में हैं जो इस साल के अंत तक खत्म हो जाएंगे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 12:53 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 01:02 PM (IST)
दुनिया को अगले साल के मध्य में उपलब्ध होगी कोरोना की वैक्सीन, WHO की चीफ साइंटिस्ट ने जताई उम्मीद
दुनिया को अगले साल के मध्य में उपलब्ध होगी कोरोना की वैक्सीन, WHO की चीफ साइंटिस्ट ने जताई उम्मीद

जेनेवा, एएनआइ/स्पुतनिक। दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी का संकट तेजी से बढ़ता जा रहा है। इससे बचाव के लिए दुनिया के कई देशों में कोरोना की वैक्सीन तैयार की जा रही है। दुनियाभर में करीब 170 वैक्सीन पर फिलहाल काम चल रहा है, जिनमें से 30 वैक्सीन का ट्रायल अपने आखिरी चरण में है। फिलहाल ब्रिटेन, रूस, अमेरिका और चीन के साथ भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल जारी है। लेकिन आखिर ये वैक्सीन कब तक आम लोगों तक पहुंच पाएगी। इसको लेकर सबके मन में सवाल है।

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कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता अगले साल (2021) के मध्य तक ही संभव हो पाएगी, तब तक सभी देशों के लोगों को दैनिक जीवन में सावधानी का पालन करते हुए जीवन जीना होगा। यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने मीडिया से कही है। मुख्य वैज्ञानिक ने कहा कि 2021 की दूसरी और तीसरी तिमाही में हम वैक्सीन का दुनिया भर में वितरण देख पाने की स्थिति में होंगे, तब हर देश अपनी आवश्यकता के अनुसार वैक्सीन ले सकेगा और जनता को देने की स्थिति में होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में वैक्सीन के विकास की प्रक्रिया प्रगति पर है लेकिन इनका तीसरा ट्रायल इस साल के अंत तक ही पूरा हो पाने के आसार हैं। इसके बाद वैक्सीन के उत्पादन में समय लगेगा। अरबों की संख्या में खुराक तैयार करने के लिए भी कई महीने का समय चाहिए। इसके बाद वितरण प्रक्रिया और टीकाकरण अभियान चलेगा। इस सबमें अच्छा-खासा समय लगने की संभावना है।

सभी को वैक्सीन मिलने पर ही उसका लाभ

संयुक्त राष्ट्र आमसभा के अध्यक्ष तीजानी मुहम्मद बंदे ने कहा है कि कोविड महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन दुनिया के हर उस व्यक्ति को मिलनी चाहिए जिसे उसकी आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ और एक-दो देश ही पहले खुद के लोगों के टीकाकरण में जुट गए तो उसका कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि कोरोना वायरस एक व्यक्ति और एक देश से निकलकर पूरी दुनिया में फैला है। इसलिए किसी एक देश के कोरोना मुक्त होने से कोई लाभ नहीं होना है। कुछ दिन बाद फिर से वहां के लोग संक्रमित होने शुरू हो जाएंगे, क्योंकि दुनिया में कहीं भी लोगों का आवागमन नहीं रुक सकता है।


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